कोटा 4 सितम्बर। कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों में तनाव व आत्महत्या प्रकरणों की रोकथाम के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर विभिन्न पक्षों से संवाद किया। अलग-अलग सत्रों मंे कोचिंग संस्थानों में कार्यरत् मनोसलाहकारों, एनएमएच टीम, मेडिकल कॉलेज प्रोफेसर मनोचिकित्सा, गायनोकोलॉजी तथा प्रसूति विज्ञान, हॉस्टल, पीजी संचालकों, मकान मालिकों, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों, एनजीओ, सिविल सोसायटी, मीडिया, आध्यात्मिक, योगा संगठनों एवं जिला प्रशासन के साथ गहन विचार विमर्श किया गया।
समिति अध्यक्ष प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा भवानी सिंह देथा, सदस्य आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग डॉ रवि सुरपुर, सदस्य प्रबन्ध निदेशक नेशनल हेल्थ मिशन डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर ओपी बुनकर, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग हृदेश कुमार शर्मा, संयुक्त सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. फिरोज अख्तर सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर, सीनियर प्रो. मनोचिकित्सा विभाग एसएमएस अस्पताल प्रो. आलोक त्यागी सदस्य के तौर पर मौजूद रहे। समिति ने चार सत्रों में उक्त समूहों के साथ विस्तार से चर्चा कर सुझाव प्राप्त किए। यह समिति कोचिंग संस्थाओं के विद्यार्थियों में तनाव एवं आत्महत्या प्रकरणों के निराकरण के लिए उपाय एवं कार्ययोजना तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत करेंगी। बैठक के दौरान शासन सचिव नवीन जैन एवं निम्हान्स, बैंगलूरू संस्थान के विशेषज्ञ भी वीसी के जरिये जुडे।
पहले सत्र में कोचिंग संस्थानों में कार्यरत काउंसलर्स के साथ संवाद हुआ जिसमें समिति ने उनकी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, कार्य करने की विधि, विद्यार्थियों के साथ उनके संवाद, सामने आने वाली समस्याओं इत्यादि के बारे में पूछते हुए सुझाव लिए कि माहौल को सकारात्मक बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। काउंसलर्स से बातचीत के दौरान सामने आई खामियों को दूर करने एवं उपयुक्त प्रशिक्षण लेने को कहा गया। विद्यार्थियों से काउंसलिंग का पूरा डाटा संधारित करने, मनोस्थिति को पहचानकर स्वयं समझाइश की पहल करने, अभिभावकों से निरंतर सम्पर्क में रहने सहित विभिन्न बिन्दुओं पर मार्गदर्शन किया।
हॉस्टल पीजी संचालकांे के साथ संवाद में समिति सदस्यों ने हॉस्टल में उपलब्ध सुविधाओं, वातावरण एवं व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। समिति सदस्यों ने कहा कि हॉस्टल, पीजी इत्यादि में घर जैसा वातावरण देने की कोशिश होनी चाहिए। साथ ही मोटिवेशनल, आनन्ददायी गतिविधियों का समावेश करना चाहिए। परिसर में शिक्षाप्रद एवं प्रेरक सकारात्मक वाक्यों का प्रस्तुतीकरण करना चाहिए। कोचिंग संस्थानों के साथ आयोजित बैठक में समिति को सिलेबस कम करने, सप्ताह में दो दिवस अवकाश, विद्यार्थियों की हॉबी की पहचान कर उसके अनुसार म्यूजिक कार्यक्रम, खेल गतिविधियां आयोजित करने, रोजगार के विकल्पों की जानकारी देने, अभिभावकों की काउंसलिंग एवं हॉस्टलों में बायोमैट्रिक उपस्थिति के संबंध में सुझाव प्राप्त हुए।
सिविल सोसायटी एवं मीडिया के साथ आयोजित बैठक में खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने नाकारात्मकता दूर करने के लिए संस्कार व आध्यात्मिक शिक्षा भी देना का सुझाव दिया। डॉ. आरसी साहनी ने हॉस्टल के कमरों में दो बच्चों को रखने, गोविंद राम मित्तल ने कोचिंग में प्रवेश के समय स्क्रीनिंग करने का सुझाव दिया। डॉ. एमएल अग्रवाल ने जेईई की तरह नीट की परीक्षा भी वर्ष में दो बार कराने का सुझाव दिया। समिति को एनजीओ, योगा संस्थाओं एवं विशेषज्ञों द्वारा मौखिक एवं लिखित में सुझाव प्रस्तुत किए. इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह, कुल सचिव कृषि विश्वविद्यालय सुनीता डागा, आरएए मनोज कुमार, डीआईजी स्टाम्प कमल कुमार, भू-प्रबन्ध अधिकारी दीप्ति मीणा सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
जिला कलक्टर ने कोचिंग विद्यार्थियों को लिखा मार्मिक पत्र
जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने विद्यार्थियों के एकाकी जीवन एवं तनाव को कम करने के लिए विद्यार्थियों के नाम पत्र लिखकर सभी कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टलों के माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुंचायां है। जिला कलक्टर ने देशभर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए जिला प्रशासन को अभिभावक के रूप में मानने का संदेश देते हुए सपने साकार करने का आव्हान किया है।
यह लिखा पत्र-
आज जैसे ही मुझे सूचना मिली कि एक और छात्र ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, मन व्यथित हो गया आंखे नम हो गई, मैं चिन्तित हूं कि ऐसा क्या हुआ? एक होनहार बच्चे को हमेशा के लिए खो दिया। तुम तो चले गये पर जाने से पहले यह तो सोचते कि तुम्हारे माता-पिता पर क्या गुजरेगी, जो तुम्हारे सपनो को पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व तुम पर न्यौछावर करना चाहते थे। जब तुम अपने सपने को पूरा करने के लिए पहली बार मेरे शहर में आये तो मेरे परिवार के सदस्य बन गये। मेरे शहर में आने वाले हर बच्चे का ख्याल रखूं और उन्हें एक खुशनुमा माहौल दूं यह प्रयास हर समय करता रहता हूं। आपके बीच कई बार सुखद वक्त मैनें बिताया है अपनी मंजिल को पाने के लिए तुम भी तो बहुत मेहनत करते हो पर एक रास्ता बन्द होने पर कई और रास्ते तुम्हारा इंतजार कर रहे है कभी-कभी तुम्हे लगता है कि इतनी मेहनत के बावजूद तुम वह हासिल नहीं कर पा रहे हो जो तुम्हे मिलना चाहिए, पर यह भी तो सही है असफलता सफलता की पहली सीढ़ी होती है। एक टेस्ट की रैंकिंग क्या गिरी तुमने अपने आप को टूटा हुआ मान लिया हमेशा तनावग्रस्त रहने लगे। हॉस्टल की चारदीवारी में अपने आप को कैद कर लिया और बस यही सोचते रहे कि अब कुछ नहीं हो सकता। कोई भी असफलता आपके व्याक्तित्व का पैरामीटर नहीं है। एक बार बाहर आकर तो देखों क्या नहीं है मेरे शहर में दुनिया का खूबसूरत रिवर फ्रन्ट, चम्बल की उठती हुई लहरे सुदरतम बाग-बगीचे, हर चौराहा जो आपके स्वागत को आतुर है। कभी-कभी तो मैं खुद तुम्हारे चेहरे पर हंसी देखने के लिए संगीत में मस्त हो जाता हूँ। बाहर की आबोहवां, दोस्तों से मिलना और दिन के कुछ घंटे, कुछ मस्ती और फन में भी गुजारने चाहिए। इस शहर में तुम अकेले नही हो। मैं हूं ना, हर छात्र-छात्रा के लिए मेरा घर-मेरा ऑफिस हमेशा खुला है। संकोच मत रखना। तनाव को साझा करना सीखों आपके मन में किसी भी प्रकार का डर या तनाव है तो मुझसे साझा करें।
आपके मानसिक स्ट्रेस को दूर करने के लिए मैने संडे को फन-डे बनाने का फैसला लिया उस दिन सिर्फ तुम्हारे साथ संगीत की सुरमई शाम होगी, दोस्तों से मिलने का मौका होगा, न कोई टेस्ट का झंझट बस गस्ती और मस्ती…। योगा भी तो कर सकते हो ताकि अपने आप को तरोताजा महसूस कर सको कोचिंग संस्थान, हॉस्टल कई सामाजिक संस्थाऐं तथा मेरी पूरी टीम हमेशा आपके चेहरे पर मुस्कराहट के लिए प्रयासरत है। आपकी कोई भी समस्या हो चाहे फीस रिफण्ड से संबंधित, गुणवत्तापूर्ण भोजन एवं किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी हो मुझे बेहिचक स्टूडेंट हेल्पलाईन कोटा पर लिखकर भेज दें, उसके बाद समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी मेरी और मेरी टीम की है। आपके पास बहुत सारी संभावनाएं हैं और आप अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। लेकिन पहले आपको अपनी मदद करनी होगी।
आपको अपना आत्मविश्वास वापस पाना होगा और यह विश्वास करना होगा कि आपके जीवन में कुछ अच्छा हो सकता है। दबाव व तनाव से अपने आप को दूर रखें और जिन सपनों को लेकर आप इस शहर में आये है उन्हें शिद्दत से पूरा करने की कोशिश करे मन में कभी भटकाव का विचार आये तो अपने गुरु माता-पिता व मुझसे जरूर शेयर करे। जब तुम अपनी मंजिल को पाकर इस शहर से जाओगे तो मुझे जरूर याद करना तुम्हारा हंसता मुस्कुराता चेहरा मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है। मेरे प्यारे बच्चों आप मजबूत है आपके पास जीवन जीने के लिए बहुत कुछ है। आपमें हर कमजोरी, हर समस्या को दूर कर आगे बढ़ने का हौसला है। यकीन मानिए जब तक आप खुद हार नहीं मानते तब तक दुनियां में आपको कोई नहीं हरा सकता।