पुलिस जांच में पता चला कि ये गिरोह पिछले सात सालों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में एटीएम से करोड़ों रुपये चुरा चुके हैं. शहर पुलिस के मुताबिक, ये पैसे तेलंगाना के भद्राद्री अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के एक एटीएम से चुराए गए थे. बताया जा रहा है कि इसमें 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.
ये टीम बहुत स्मार्ट है. ये लोग राजस्थान के भरतपुर और अलवर के लोगों के एटीएम कार्ड ले लेते थे और अपने शेड्यूल के मुताबिक हर 10 दिन में दूसरे राज्यों में जाते थे. और वे ग्रामीण इलाकों में लगे एटीएम मशीनों को निशाना बनाते थे. योजना को अंजाम देने किये गैंग के लोग 2-2 लोगों की टीम तैयार करते थे. इनमें से एक बदमाश एटीएम के अंदर रहता है. दूसरा उस जगह में रहता है जहां एटीएम को बिजली की सप्लाई होती है, लेकिन उस एटीएम मशीन से पैसे निकालने के अंतिम क्षण तक एटीएम में आने वाली बिजली की सप्लाई दूसरा बदमाश रोक देता है. ऐसा करने पर पैसा मशीन में अटक जाता है। और कस्टमर के अकाउंट से पैसा कट जाता है। कस्टमर के जाने के बाद बदमाश एटीएम में फसे पैसे निकाल लेते है।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि एटीएम से चुराए गए पैसे को समूह और एटीएम कार्ड धारकों के बीच बराबर-बराबर बांटा जाता था. हालांकि, जब पुलिस को सूचना मिली कि इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्यों ने हैदराबाद से राजस्थान के लिए उड़ान भरी है, तो उन्हें हैदराबाद और जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार लोगों के पास से करीब 75 एटीएम कार्ड और 2 लाख 31 हजार रुपये नकद बरामद किये गये. देश के कई हिस्सों में विभिन्न प्रकार के एटीएम चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ अपराधी किसी भी तरह से एटीएम से पैसे चुराने की योजना बनाते हैं। उनका कहना है कि तरह के शातिर लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी और जहां भी एटीएम है वहां सुरक्षा बनाए रखी जाएगी.