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Bihar Assembly Elections 2025: वोटर लिस्ट अपडेट पर गरमाई सियासत, BJP भी हुई सतर्क, विपक्ष ने लगाए NRC जैसे आरोप

photo credit ANI

बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई इस प्रक्रिया को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है, वहीं अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी सतर्क हो गई है। पार्टी को आशंका है कि उसके समर्थकों के नाम भी वोटर लिस्ट से कट सकते हैं।

क्या है SIR और क्यों मचा बवाल?

SIR प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग पूरे राज्य में वोटर लिस्ट को अपडेट कर रहा है। इसका उद्देश्य मृत, दोहराए गए और अवैध मतदाताओं को हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना है। लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कवायद जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण तरीके से की जा रही है, जिससे लाखों वैध मतदाता लिस्ट से बाहर हो सकते हैं।

BJP को भी हुई चिंता, शुरू की ग्राउंड एक्टिविटी

BJP के वरिष्ठ नेता भीखू भाई दलसानिया और बीएल संतोष ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर विशेष रणनीति बनाई है। पार्टी ने 19 से 31 जुलाई तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में SIR प्रक्रिया की निगरानी का अभियान शुरू किया है। साथ ही 52,000 से अधिक बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया गया है। वोटरों की सुविधा के लिए पार्टी ने एक विशेष वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिसके जरिए लोग अपना नाम जांच सकते हैं और ऑनलाइन नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

BJP का आरोप – वैध मतदाता भी हो रहे बाहर

BJP नेताओं का कहना है कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया में अनियमितताएं हैं। कई लोगों को फॉर्म की रसीद नहीं दी जा रही, वहीं कुछ इलाकों में अब तक फॉर्म लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि हर वैध नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में बना रहना चाहिए।

विपक्ष का हमला – NRC लागू करने की कोशिश

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “निर्वाचन आयोग नागरिकता तय नहीं कर सकता। यह काम गृह मंत्रालय का है। यह कोशिश पिछले दरवाजे से NRC लागू करने की साजिश है, खासकर सीमांचल क्षेत्र के लोगों को शक्तिहीन करने की।” राजद और कांग्रेस ने भी SIR को लेकर नाराजगी जताई है और कहा कि आयोग जल्दीबाजी में प्रक्रिया चला रहा है, जिससे गरीब, अल्पसंख्यक और दूरदराज के लोग प्रभावित होंगे।

क्या है वोटर लिस्ट अपडेट का असर?

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़ने या कटने से सीटों का समीकरण पूरी तरह बदल सकता है। हर वोट महत्वपूर्ण होता है, और इसलिए सभी दल अपने-अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए एक्टिव हो गए हैं।

बिहार में चुनाव का बिगुल बज चुका है

नवंबर 2025 में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले यह सियासी संग्राम यह संकेत दे रहा है कि यह चुनाव सिर्फ नीतियों और वादों पर नहीं, बल्कि वोटर पहचान और हक की लड़ाई बनता जा रहा है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या SIR प्रक्रिया में कोई बदलाव या स्पष्टीकरण आता है। एक बात तय है – बिहार का चुनावी समर अब पहले से कहीं अधिक गर्म हो चुका है

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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