पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के राजनीतिक तेवर तेज हो गए हैं। घर और पार्टी से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पहचान ‘टीम तेज प्रताप’ बनाई है। मंगलवार को उन्होंने विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) समेत चार अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन की घोषणा की, जो उनकी नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत मानी जा रही है। इस गठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए भी नई राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
गठबंधन पर तेज प्रताप का बयान
तेज प्रताप यादव ने कहा, “आज कई दल हमारे साथ जुड़ रहे हैं। यहां कई पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद हैं जिन्होंने ‘टीम तेज प्रताप’ का समर्थन करने की सहमति दी है। हम मिलकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे। यह लड़ाई कठिन होगी, लेकिन हमारी एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। कई लोग हमें तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम इससे डरे नहीं।”
तेजस्वी यादव के लिए दिया आशीर्वाद
महुआ विधानसभा क्षेत्र से छोटे भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर तेज प्रताप ने साफ किया कि तेजस्वी कभी महुआ से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा उन्हें आशीर्वाद दिया है और देता रहूंगा। तेजस्वी को आगे बढ़ना चाहिए।” तेज प्रताप का यह बयान पार्टी के अंदर चल रही परिवारिक राजनीति पर भी कई सवाल खड़े करता है।
गठबंधन में शामिल पार्टियां
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर बताया कि ‘टीम तेज प्रताप’ के साथ पांच पार्टियों ने गठबंधन किया है। ये पार्टियां हैं: विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP), भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM), प्रगतिशील जनता पार्टी (PJB), वाजिब अधिकार पार्टी (WAP), संयुक्त किसान विकास पार्टी. तेज प्रताप ने गठबंधन की थीम भी स्पष्ट की है: सामाजिक न्याय, सामाजिक हक़, संपूर्ण बदलाव.
RJD और कांग्रेस के लिए ऑफर
तेज प्रताप ने अपने दल की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को भी गठबंधन का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि पुरानी मित्रता के कारण ये दल भी उनसे जुड़ सकते हैं। तेज प्रताप यादव की यह नई राजनीतिक रणनीति बिहार चुनाव की सियासी जंग में एक नया मोड़ ला सकती है। राजद के अंदर चल रही चुनौतियां और परिवार के अंदर खींचतान तेजप्रताप की बढ़ती गतिविधियों से और भी गहरी होती नजर आ रही है। अब देखना होगा कि तेज प्रताप का गठबंधन कितनी सियासी जमीन हासिल कर पाता है और इससे बिहार के चुनावी समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।