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हाईकोर्ट से क्लीन चिट: सचिन पायलट पर लगे खरीद-फरोख्त के आरोप खारिज

राजस्थान की सियासत में पांच साल पहले हुए हाई-प्रोफाइल राजनीतिक घटनाक्रम पर अब पटाक्षेप हो गया है। तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार द्वारा सचिन पायलट और अन्य नेताओं पर लगाए गए विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप अब अदालत में टिक नहीं पाए। राजस्थान हाईकोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की अंतिम रिपोर्ट (FR) को स्वीकार करते हुए केस बंद करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई अपराध सिद्ध नहीं होता।

क्या था मामला?

जुलाई 2020 में अशोक गहलोत और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच गहरी तनातनी के दौरान यह विवाद सामने आया। गहलोत खेमे ने आरोप लगाया कि पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने सरकार गिराने के लिए खरीद-फरोख्त की साजिश रची। इस आधार पर पहले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और फिर एसीबी ने केस दर्ज किया।
एसीबी ने उदयपुर के भरत मालानी और ब्यावर के अशोक सिंह सहित कुछ अन्य पर निर्दलीय विधायक रमीला खड़िया समेत विधायकों को पैसे का लालच देने का आरोप लगाया था। बाद में सचिन पायलट का नाम भी आरोपियों की सूची में जोड़ा गया।

एसीबी की जांच और रिपोर्ट

जांच में केस का आधार कुछ फोन रिकॉर्डिंग बताए गए। इनमें आरोप था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त पर चर्चा हुई। लेकिन एसीबी की जांच में यह आरोप टिक नहीं पाए। रिपोर्ट में कहा गया कि कॉल रिकॉर्डिंग में केवल सामान्य बातचीत थी—जैसे गहलोत-पायलट विवाद, कोरोना और आईपीएल से जुड़े मुद्दे। न ही रिकॉर्डिंग से कोई ठोस सबूत मिला और न ही बैंक लेन-देन में कोई संदिग्ध गतिविधि सामने आई। इसके बाद एसीबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट (FR) कोर्ट में पेश की। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए प्रकरण को बंद कर दिया।

आरोपियों का पक्ष

आरोपी भरत मालानी और अशोक सिंह ने कोर्ट में कहा कि यह मामला पूरी तरह फर्जी था और इसे गहलोत सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत दर्ज किया। उनके वकीलों ने दलील दी कि केवल सामान्य गपशप को खरीद-फरोख्त की साजिश बताकर केस बनाया गया। हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आने के बाद उन्होंने कहा कि अब सच्चाई सामने आ गई है।

सचिन पायलट की प्रतिक्रिया

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, “मैंने अभी कोर्ट की रिपोर्ट नहीं देखी है, लेकिन अगर कोर्ट ने फैसला दिया है तो अब कहने को कुछ नहीं। देश की न्यायपालिका पर सबका भरोसा है। कभी-कभी फैसले में देरी होती है, लेकिन न्याय होता जरूर है।”

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

फैसले के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर तीखे वार किए। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी आंतरिक फूट छिपाने के लिए फर्जी केस बनाए थे, जो अब उजागर हो गए। वहीं मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि “सांच को आंच नहीं। कांग्रेस अपनी आपसी लड़ाई के कारण जनता का शोषण करती रही। कोर्ट का फैसला साबित करता है कि यह पूरा मामला सिर्फ ड्रामा था।”

सियासी मायने

हाईकोर्ट के इस फैसले ने न केवल आरोपियों को राहत दी है बल्कि राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर नए समीकरणों को जन्म दिया है। सचिन पायलट के खिलाफ दर्ज यह केस खत्म होना उनके लिए सियासी मजबूती का संकेत माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस के लिए यह फैसला एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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