पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसी क्रम में अलवर जिले में भी पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है। जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला और पुलिस अधीक्षक संजीव नैन ने मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण किया और अभय कमांड मॉनिटरिंग सेंटर की कार्यप्रणाली की गहनता से जांच की।
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरों की मदद से शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील स्थलों की निगरानी व्यवस्था की जानकारी ली। अधिकारियों का यह औचक दौरा यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से था कि कमांड सेंटर पर कार्य समयबद्ध और प्रभावी ढंग से हो रहा है या नहीं।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत लॉन्ग और शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की समीक्षा की जा रही है और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अलवर जिले के खैरथल-तिजारा क्षेत्र में 22 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से 15 हिन्दू विस्थापित हैं। सभी नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा पर हैं और उनकी नागरिकता का मामला प्रक्रियाधीन है।
पुलिस प्रशासन मेवात क्षेत्र में लगातार सतर्कता बरत रहा है। साइबर ठगी के अलावा यहां आतंकी गतिविधियों की आशंका भी बनी रहती है। पिछले वर्ष भिवाड़ी जिले के चोपानकी के जंगलों में अल कायदा के आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ था, जिसमें छह संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा गया था।
इससे पहले भी तिजारा, सीकरी और नगीना क्षेत्र में आईएसआई एजेंट्स और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने हाल ही में सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी के साथ वीसी के माध्यम से बैठक की थी, जिसके बाद अलवर में यह निरीक्षण किया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनीता ठाकुर ने भी हाल ही में खैरथल का दौरा कर पाक नागरिकों से संबंधित जानकारी जुटाई थी और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
