किशनगढ़। राजस्थान की मार्बल नगरी किशनगढ़ इस बार हादसों या दामों की वजह से नहीं, बल्कि करोड़ों की टैक्स चोरी के मामले में चर्चा में है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने शुक्रवार सुबह से किशनगढ़ मार्बल एरिया में बड़ी छापेमारी की है। जयपुर और उदयपुर से आई छह टीमों ने कई प्रतिष्ठानों और ट्रांसपोर्टरों पर एक साथ कार्रवाई शुरू की, जिससे कारोबारी जगत में हड़कंप मच गया।
मजदूरों और छोटे ठेकेदारों के नाम पर फर्जी कंपनियां
सूत्रों के मुताबिक, जांच का सबसे बड़ा फोकस ड्रोम मार्बल कंपनी पर है। आरोप है कि मजदूरों और छोटे ठेकेदारों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए के फर्जी बिल काटे गए। इन्हीं बिलों के जरिए बड़े स्तर पर टैक्स चोरी की गई। टीम अब कंपनी के दस्तावेज, अकाउंट बुक्स और डिजिटल डाटा की बारीकी से जांच कर रही है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
DGGI की यह कार्रवाई नई जरूर है, लेकिन इसके तार पुराने मामलों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इससे पहले भी किशनगढ़ मार्बल एरिया में नरेंद्र चौधरी, हंसराज गुर्जर, बलवीर चौधरी और भरत के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जिसमें करीब 60 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। उस केस में बलवीर और भरत अब तक फरार बताए जाते हैं। वहीं, जब्त दस्तावेजों और व्हाट्सऐप चैट से नए नाम भी सामने आए हैं, जिन पर अब शिकंजा कस सकता है।
करोड़ों में जा सकती है रिकवरी
छापेमारी सुबह से शुरू हुई थी और देर शाम तक जारी रहने की संभावना है। फिलहाल टीमें बिलों और लेन-देन की पुष्टि कर रही हैं। माना जा रहा है कि टैक्स चोरी का आंकड़ा करोड़ों रुपए तक पहुंच सकता है। इस कार्रवाई से टैक्स चोरी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने की पूरी संभावना है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।