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उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ का अचानक इस्तीफा, सेहत बनी वजह या सियासी संदेश?

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नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला पूरी तरह से स्वास्थ्य कारणों से लिया गया है और इस पर किसी भी प्रकार का पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है। मंगलवार को धनखड़ राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए और अपने आवास पर ही रहे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे त्यागपत्र में धनखड़ ने लिखा था कि वे “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए” पद से इस्तीफा दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और अब वे आधिकारिक रूप से पूर्व उपराष्ट्रपति बन चुके हैं।

परिवार ने की थी आग्रह

धनखड़ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हाल ही में नैनीताल दौरे के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद परिवार ने उनसे स्वास्थ्य पर ध्यान देने का अनुरोध किया। यही वजह रही कि उन्होंने उपराष्ट्रपति पद छोड़ने का निर्णय लिया। उनके करीबी ने यह भी बताया कि इस निर्णय में कोई औपचारिक विदाई (फेयरवेल) शामिल नहीं है और वह फिलहाल पूर्ण रूप से आराम कर रहे हैं।

राज्यसभा की कार्यवाही अब उपसभापति के अधीन

मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश ने की। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और धनखड़ सदन की नियमित कार्यवाही का संचालन करते थे। उनके इस्तीफे के बाद सदन की जिम्मेदारी अब उपसभापति के पास है।

संविधान क्या कहता है?

भारत के संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति को स्वेच्छा से इस्तीफा देने का अधिकार है और इसके लिए राष्ट्रपति को एक लिखित पत्र देना पर्याप्त होता है। किसी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती। यही कारण है कि धनखड़ का त्यागपत्र देने के साथ ही वह पदमुक्त माने गए।

कार्यकाल विवादों से भी जुड़ा

अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का कार्यभार संभालने वाले 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ का कार्यकाल विपक्षी दलों के साथ तकरार और सदन में तीखी टिप्पणियों के लिए भी जाना गया। कई बार उन्होंने विपक्ष को कड़ी फटकार लगाई, लेकिन कुछ मौकों पर सरकार को भी असहज करने वाली टिप्पणियां कीं। अब सवाल उठ रहा है कि देश को अगला उपराष्ट्रपति कौन मिलेगा और क्या इस संबंध में संसद के मानसून सत्र के दौरान कोई घोषणा हो सकती है। फिलहाल देश भर की नजरें केंद्र सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

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Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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