पटना, 4 अगस्त 2025 — बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए डोमिसाइल नीति (स्थानीय निवास नीति) लागू करने की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत अब बिहार में शिक्षक नियुक्तियों में प्रदेश के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह नीति आगामी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया TRE-4 से लागू की जाएगी। नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, “नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हम लोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दे दिया गया है।”
TRE-4 से होगा लागू, STET का आयोजन पहले
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह डोमिसाइल नीति TRE-4 से ही लागू होगी, जो वर्ष 2025 में प्रस्तावित है। साथ ही, वर्ष 2026 में होने वाले TRE-5 से पहले STET (State Teacher Eligibility Test) का आयोजन भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बिहार के युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ
इस नई नीति से बिहार के स्थानीय युवाओं को शिक्षक भर्ती में वरीयता दी जाएगी। अब अन्य राज्यों से आने वाले अभ्यर्थियों की तुलना में बिहार के उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी। लंबे समय से इस नीति की मांग छात्र संगठनों और युवाओं द्वारा की जा रही थी। हाल ही में इसके समर्थन में व्यापक छात्र आंदोलन भी हुआ था, जिसमें हजारों युवाओं ने भाग लिया और सरकार से इसे तत्काल लागू करने की मांग की थी।
राजनीतिक संदेश भी साफ
चुनावों के मद्देनजर यह फैसला नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ स्थानीय युवाओं में भरोसा बढ़ेगा, बल्कि उनकी नाराजगी को भी कम किया जा सकेगा, जो पिछले कुछ समय से भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार से असंतुष्ट दिख रहे थे।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।