जयपुर, 15 अप्रैल 2025 — राजस्थान की राजनीति में मंगलवार सुबह बड़ा धमाका हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राजधानी के सिविल लाइंस इलाके में की गई, जो जयपुर का वीआईपी और संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम सुबह के वक्त बिना किसी पूर्व सूचना के खाचरियावास के निवास पर पहुंची और जांच-पड़ताल शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि प्रताप सिंह अपने बड़े भाई करण सिंह खाचरियावास के साथ इसी मकान में रहते हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह कार्रवाई किस मामले में की गई है। ईडी या सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस छापेमारी की खबर फैलते ही कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक खाचरियावास के घर के बाहर इकट्ठा हो गए। सोशल मीडिया पर भी इस रेड को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है, वहीं कुछ ने जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब देशभर में लोकसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। इस कारण से भी इस छापेमारी को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।
राजनीतिक गर्मी में नया मोड़
राजस्थान में बीते कुछ समय से राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं और ईडी की यह छापेमारी आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए एक बड़ी चिंता बनकर उभरी है। खाचरियावास राजस्थान की राजनीति में एक मुखर और प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं, ऐसे में उन पर की गई यह कार्रवाई निश्चित तौर पर प्रदेश की सियासत में हलचल पैदा करेगी।
