राजस्थान के नारायणपुर (बानसूर) क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर जलने के 10 महीने बाद भी समाधान न मिलने से आक्रोशित किसानों ने विभागीय कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सहायक अभियंता नितिन गुप्ता द्वारा कथित रूप से की गई राजनीतिक टिप्पणी ने स्थिति को और भड़काया। प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार, उन्होंने क्षेत्र में जले हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलने की कई बार मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि जब वे समाधान के लिए AEN से मिले, तो उन्हें जवाब मिला— “अब कांग्रेस नहीं, बीजेपी की सरकार है। ट्रांसफॉर्मर भूल जाओ।“
“हमें पार्टी नहीं, बिजली चाहिए” – किसानों का दो टूक जवाब
इस बयान के बाद किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हम किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं, खेती से जुड़े हैं। हमें सिर्फ बिजली चाहिए ताकि फसलें बचाई जा सकें।” क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बिजली कटौती और ट्रांसफॉर्मर की अनुपलब्धता के चलते उनकी खेती ठप हो गई है। सरिस्का जंगल से सटे इलाके में रात के अंधेरे में जंगली जानवरों का खतरा भी किसानों के लिए एक और बड़ी चुनौती बन चुका है।
सियासत में गर्माहट
विपक्ष ने इस मामले को तुरंत लपक लिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “क्या अब बीजेपी की सरकार में किसानों को भी पार्टी देखकर बिजली दी जाएगी?” वहीं, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री से पूछा, “क्या अफसर अब बीजेपी के प्रवक्ता बन गए हैं?”
सरकारी दावे कटघरे में
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि उनकी सरकार ने कांग्रेस की तुलना में कहीं अधिक बिजली उत्पादन किया है। लेकिन नारायणपुर की यह घटना सरकारी व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ट्रांसफॉर्मर नहीं बदले गए, तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।