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मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ पर भड़के गावस्कर, इंग्लैंड की रणनीति पर उठाए सवाल, शुभमन गिल की तारीफ भी की

मैनचेस्टर। भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चौथा टेस्ट भले ही ड्रॉ हो गया हो, लेकिन इसके बाद क्रिकेट जगत में बहस छिड़ गई है। टीम इंडिया ने बल्लेबाजों के दम पर इंग्लैंड के विशाल स्कोर को चुनौती देते हुए मैच को बचा लिया, वहीं पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इंग्लिश टीम की रणनीति पर जमकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शुभमन गिल की कप्तानी और दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों की सराहना करते हुए इंग्लैंड के ‘बेसबॉल’ रवैये को दोहरा बताया।

“बहुत ज्यादा बल्लेबाजी के कारण इंग्लैंड जीत से चूक गया” – गावस्कर

गावस्कर ने टेस्ट के बाद कहा, “मुझे लगता है कि इंग्लैंड जीत के इतने करीब होने के बावजूद केवल ज्यादा बल्लेबाजी के कारण बाजी हार गया।” उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में 669 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा करने के फैसले पर सवाल उठाए। इंग्लैंड को पहली पारी में 311 रनों की बढ़त मिल चुकी थी, लेकिन कप्तान बेन स्टोक्स ने पारी घोषित करने में काफी देर कर दी, जिससे भारत को वापसी का मौका मिल गया।

बेन स्टोक्स के पुराने बयान पर भी कसा तंज

गावस्कर ने इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें 600 रनों का पीछा करना पसंद है। गावस्कर बोले, “पहले टेस्ट में जब भारत ने 600 से ज्यादा का लक्ष्य दिया, तब इंग्लैंड उसे हासिल नहीं कर पाया। अब जब खुद को मौका मिला तो स्टोक्स ने पारी घोषित करने में देरी की, ताकि शतक पूरा हो जाए। यह दोहरा रवैया है।”

“अगर मैं गिल की जगह होता, तो सवाल जरूर पूछता”

गावस्कर ने टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल की भी तारीफ की, लेकिन साथ ही कहा कि अगर वह गिल की जगह होते तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंग्लैंड की रणनीति पर सवाल जरूर उठाते। उन्होंने कहा, “गिल काफी विनम्र हैं, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं कहा। लेकिन अगर मैं होता तो पूछता – जब आपके पास 311 रनों की बढ़त थी, तो आपने 240 या 250 पर पारी घोषित क्यों नहीं की? स्टोक्स ने शतक पूरा करने के बाद गेंदबाजों को एक अतिरिक्त घंटा क्यों नहीं दिया?”

भारतीय बल्लेबाजों की तारीफ

गावस्कर ने भारतीय बल्लेबाजों को भी सलाम किया, जिन्होंने चौथी पारी में जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करते हुए मैच को ड्रॉ की ओर मोड़ दिया। गिल की शांत संयमित कप्तानी और भारतीय मिडिल ऑर्डर की सूझबूझ ने टीम को मुश्किल हालात से निकालते हुए इंग्लैंड के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

निष्कर्ष:
चौथा टेस्ट भले ही नतीजा नहीं दे पाया, लेकिन इसने क्रिकेट की रणनीतिक गहराई और कप्तानी के निर्णयों की अहमियत को जरूर उजागर कर दिया। अब सभी की निगाहें निर्णायक पांचवें टेस्ट पर टिकी हैं, जहां दोनों टीमें सीरीज जीतने के लिए जोर लगाएंगी।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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