जयपुर | 29 जून, 2025 राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश उन्हीं की पार्टी के भीतर चल रही है। गहलोत के इस बयान ने राज्य की सियासी फिजाओं में हलचल मचा दी है।
भजनलाल रहेंगे या नहीं? गहलोत का सवाल
शनिवार को जोधपुर स्थित इंटरनेशनल सेंटर में कांग्रेस द्वारा आयोजित “संविधान बचाओ रैली” को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “कौन मुख्यमंत्री रहेगा, कौन नहीं रहेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। सुना है विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का भी नाम सीएम की दौड़ में है।” गहलोत ने आरोप लगाया कि आरएसएस के इशारे पर सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाया जा रहा है, और यही लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
राज्यपाल और न्यायपालिका भी निशाने पर
अपने भाषण में गहलोत ने आगे कहा कि आज राज्यपाल से लेकर उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और न्यायपालिका तक सब दबाव में हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान में जो समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्द इंदिरा गांधी ने जोड़े थे, आज RSS उन्हीं को हटाने की बात कर रही है।
पहले भी उठा चुके हैं साजिश का मुद्दा
गौरतलब है कि गहलोत इससे पहले भी जोधपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा कर चुके हैं कि भजनलाल शर्मा को हटाने की अंदरूनी साजिश दिल्ली और जयपुर में चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के ही कुछ वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, लेकिन खुद मुख्यमंत्री को इसका अंदाजा नहीं है।
भाजपा नेताओं ने किया गहलोत के आरोपों का खंडन
गहलोत के इन बयानों पर BJP नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा, “भजनलाल शर्मा को हटाने जैसी कोई बात नहीं है। हमारी पार्टी में संगठन और सरकार के बीच बेहतरीन तालमेल है।” वहीं, भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने भी गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा, “हम रोज मुख्यमंत्री नहीं बदलते। हमारे मुख्यमंत्री आज भी भजनलाल शर्मा हैं और कल भी वही रहेंगे।”
क्या है सियासी मायने?
गहलोत के इन बयानों को आगामी निकाय चुनाव और 2029 की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस इन बयानों के जरिए भाजपा सरकार को अस्थिर दिखाने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष:
राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह मुद्दा राज्य के सबसे वरिष्ठ विपक्षी नेता द्वारा बार-बार उठाया जाए, तो निश्चित ही इसके राजनीतिक मायने गहरे हो जाते हैं। अब देखना यह है कि क्या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है या भाजपा में सच में कुछ अंदरूनी उथल-पुथल चल रही है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।