अमृतसर स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर एक बार फिर संदिग्ध साजिश का निशाना बना है। 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरी बार बम धमाके की धमकी से पूरे इलाके में सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। धमकी भरे ई-मेल में RDX जैसे खतरनाक विस्फोटक और एक निर्धारित टाइम फ्रेम का उल्लेख किया गया है, जिससे पुलिस और खुफिया इकाइयों ने जांच और निगरानी तेज कर दी है। स्वर्ण मंदिर और आसपास के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। अमृतसर पुलिस, स्पेशल ब्रांच, एंटी टेरर स्क्वॉड और साइबर एक्सपर्ट्स इस पूरे मामले की बहुस्तरीय जांच में जुटे हैं।
SGPC को मिला दूसरा धमकी भरा ई-मेल
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सचिव प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि मंगलवार सुबह उन्हें ई-मेल के जरिए धमकी भरा संदेश मिला, जो ठीक सोमवार को मिले पहले मेल जैसा ही था। उन्होंने इसे “सांप्रदायिक सद्भाव को तोड़ने का प्रयास” बताते हुए कहा कि ऐसे संदेश धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में डर फैलाने की साजिश हैं। “धर्म के नाम पर डर का माहौल बनाने वालों का कोई मजहब नहीं होता। हमारी आस्था इतनी मजबूत है कि डर टिक नहीं पाएगा,” – प्रताप सिंह, SGPC सचिव पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों मेल्स में एक जैसी टोन, भाषा और धमकी का ढांचा है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह किसी एक ही साइबर मॉड्यूल से भेजे गए हो सकते हैं। हालांकि, मेल किस लोकेशन से भेजा गया, इसके लिए IP ट्रेसिंग और सर्वर एनालिसिस शुरू कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं में कोई डर नहीं, आस्था पहले जैसी
धमकी के बावजूद स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। श्रद्धालु न केवल दर्शन कर रहे हैं बल्कि लंगर सेवा और धार्मिक अनुष्ठान में भी भाग ले रहे हैं। यह बताता है कि धार्मिक आस्था, किसी भी आतंकवादी इरादे से ज्यादा मजबूत है। “हमें भगवान पर भरोसा है, और डरने की कोई जरूरत नहीं। ये हमारा विश्वास है, कोई मेल उसे हिला नहीं सकता।” — दर्शनार्थी, स्वर्ण मंदिर
क्या अब समय है नई सुरक्षा नीति का?
लगातार मिल रही धमकियों को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत को प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए एक अलग और कठोर सुरक्षा नीति लागू करनी चाहिए? क्या राष्ट्रीय तीर्थ स्थलों की सुरक्षा अब हाई-सेंसिटिव ज़ोन की तरह की जाए?
साइबर सुरक्षा की पोल खुली?
बार-बार धमकी भरे ईमेल मिलना इस ओर भी इशारा करता है कि ईमेल सर्विलांस और साइबर इंटेलिजेंस को और अधिक सशक्त बनाए जाने की जरूरत है। देश के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखना भी उतना ही जरूरी हो गया है जितना कि फिजिकल सिक्योरिटी।
आगे क्या?
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धमकी की पृष्ठभूमि और प्रेरणा की जांच की जा रही है
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विदेशी कनेक्शन या फेक मेल ट्रैप की संभावना से इंकार नहीं
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सरकार जल्द ही नई SOP (Standard Operating Procedure) बना सकती है
स्वर्ण मंदिर जैसी धार्मिक विरासत पर दोहराई गई धमकी सिर्फ एक शहर की चिंता नहीं, बल्कि पूरे देश के साम्प्रदायिक सौहार्द पर चोट है। लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और एजेंसियों की सतर्कता यह साबित करती है कि आतंक की कोई जगह नहीं, जब जनता एकजुट हो।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।