ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस, स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर के 11 संदिग्ध ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है। इस सुनियोजित ऑपरेशन में आतंकी नेटवर्क से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं, वहीं करीब 150 संदिग्धों को निगरानी में रखा गया है, जिन पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का संदेह है।
छापेमारी का दायरा और जब्ती
मंगलवार तड़के शुरू हुई इस छापेमारी में सुरक्षा बलों ने श्रीनगर के संवेदनशील इलाकों में दस्तक दी। कार्रवाई के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और उनके सहयोगियों को निशाना बनाया गया। सूत्रों के अनुसार, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस अभियान में सभी कानूनी प्रक्रिया—मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में—का सख्ती से पालन किया गया।
संदिग्धों पर कड़ी नजर
छापेमारी के दौरान पकड़े गए संदिग्धों की कॉल डिटेल, सोशल मीडिया गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारा उद्देश्य आतंकी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ना है। यह कार्रवाई उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
पहलगाम हमले के बाद सतर्कता में तेजी
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए भयावह आतंकी हमले में 28 लोगों की जान गई थी। इसके बाद से सुरक्षा बलों ने पूरे जम्मू-कश्मीर में सतर्कता बढ़ा दी है। उसी कड़ी में श्रीनगर के साथ-साथ अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम में भी लगातार छापेमारियां हो रही हैं।
सरकार और एजेंसियों का सख्त रुख
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनता का सहयोग इस लड़ाई में बेहद ज़रूरी है।” केंद्र सरकार ने भी इस कार्रवाई को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नियंत्रण रेखा पर भी बढ़ी निगरानी
सुरक्षा एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और भी छापेमारियां की जाएंगी। LoC पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ को रोका जा सके। साथ ही, हथियारों की सप्लाई चेन और फंडिंग नेटवर्क पर भी बड़ी कार्रवाई की योजना है।
