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करौली में मानसून की मेहरबानी: लबालब होने के कगार पर पांचना बांध, कुछ और पानी आते ही खुल सकते हैं गेट

photo source patrika

राजस्थान के करौली जिले में मानसून की शुरुआती झमाझम बारिश ने बड़ी राहत दी है। जिले का सबसे बड़ा मिट्टी से बना हुआ पांचना बांध (Panchana Dam) इस बार जल्दी ही लबालब होने के करीब पहुंच गया है। बुधवार सुबह तक बांध का जल स्तर 258 मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 258.62 मीटर है। ऐसे में कुछ और पानी की आवक होते ही बांध के गेट खोले जाने की संभावना जताई जा रही है।

जल संसाधन विभाग की कड़ी निगरानी
पांचना बांध का जलस्तर बढ़ने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर निगरानी बनाए हुए हैं। हालांकि मंगलवार को बारिश का दौर थोड़े समय के लिए थमा रहा, लेकिन अब तक जिले में 333.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो पूरे मानसून सीजन के औसत 596 एमएम का आधे से ज्यादा है।

15 जून को था 255.15 मीटर गेज
विभागीय अधिकारियों के जानकारी के अनुसार मानसून से पहले 15 जून को पांचना बांध का जल स्तर 255.15 मीटर था। पिछले कुछ दिनों की बारिश के चलते आषाढ़ माह में ही बांध का जलस्तर 257.95 मीटर तक पहुंच गया। यानी लगभग 2 मीटर 80 सेंटीमीटर पानी अब तक बांध में आ चुका है। उन्होने बताया कि इस बार कैचमेंट एरिया में अच्छी वर्षा होने से पानी की आवक बेहतर रही है।  हालांकि, पांचना बांध को छोड़कर जिले के बाकी बांधों में अब भी पानी की कमी बनी हुई है। जिले के कुल 13 छोटे-बड़े बांधों में से प्रमुख नींदर बांध (मण्डरायल क्षेत्र) और कालीसिल बांध (सपोटरा क्षेत्र) अब भी पानी की बाट जोह रहे हैं। कालीसिल बांध में अभी 6 फीट और नींदर में 4 फीट से अधिक पानी की दरकार है। दूसरे बड़े जगर बांध में भी शुरुआती बारिश से 3 फीट 5 इंच जलस्तर बढ़ा है, जबकि पहले से इसमें 17 फीट पानी मौजूद था। वर्तमान में जगर बांध का गेज 20.5 फीट पर पहुंच गया है। हालांकि, बांध की कैचमेंट एरिया में पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण जलस्तर में तेजी से वृद्धि नहीं हो पाई है।

बीते वर्षों की तुलना
पिछले वर्ष यानी 2024 में 1 अगस्त को जगर बांध में पहली बार 5 फीट पानी की आवक हुई थी, जबकि इस बार 20 जून से ही पानी की आवक शुरू हो गई है। वर्ष 2024 में लंबे समय बाद बांध का गेज 28.4 फीट तक पहुंचा था। इस बार की अच्छी शुरुआत के बावजूद मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं।  जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता शिवराम मीणा ने बताया कि अब भी कैचमेंट क्षेत्रों में अच्छी बारिश की उम्मीद बनी हुई है। उन्होंने कहा कि “15 फीट से ऊपर जलस्तर पर बांध का फैलाव अधिक होता है, जिससे गेज की बढ़त धीमी हो जाती है। लेकिन बारिश का अभी काफी समय बाकी है।”

मानसून की शुरुआती बारिश ने करौली जिले को राहत की सांस जरूर दी है। पांचना बांध का तेजी से बढ़ता जलस्तर आने वाले दिनों में इलाके की जलापूर्ति और सिंचाई की स्थिति में सुधार लाने वाला है। हालांकि अन्य बांधों में जल संग्रह की स्थिति कमजोर बनी हुई है और अब नजरें आने वाले मानसूनी दौर पर टिकी हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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