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‘हैंडशेक विवाद’ में दो धड़े: डेल स्टेन ने बेन स्टोक्स का समर्थन कर मचाया सोशल मीडिया पर भूचाल

जयपुर। क्रिकेट जगत में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा जिस मुद्दे की हो रही है, वह है बेन स्टोक्स हैंडशेक कॉन्ट्रोवर्सी। चौथे टेस्ट के ड्रॉ रहने के बाद जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने हाथ मिलाने की पेशकश की और भारतीय खिलाड़ियों ने उसे अस्वीकार कर दिया, तब से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई। अब इस बहस में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज गेंदबाज डेल स्टेन की एंट्री ने मामले को और गर्मा दिया है। स्टेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट शेयर करते हुए स्टोक्स के व्यवहार को “सही और खेल भावना के अनुरूप” बताया। उन्होंने लिखा, “बल्लेबाज़ शतक के लिए नहीं, मैच ड्रॉ कराने के लिए खेल रहे थे। जब लक्ष्य पूरा हो गया तो स्टोक्स से हाथ मिलाना ही सही और सभ्य प्रतिक्रिया थी। ‘मुफ्त के माइलस्टोन’ के पीछे भागने की ज़रूरत नहीं थी।”

तबरेज़ शम्सी से स्टेन की सहमति

दरअसल, स्टेन की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई जब साउथ अफ्रीकी स्पिनर तबरेज़ शम्सी ने भी भारतीय खिलाड़ियों की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा कि शतक की चाहत में ड्रॉ प्रस्ताव को ठुकराना खेल की भावना के विपरीत था। शम्सी ने साफ कहा कि जब परिणाम तय हो चुका था तो इसे खींचना समझदारी नहीं थी। शम्सी की इसी पोस्ट पर स्टेन ने कमेंट करते हुए कहा, “लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि ड्रॉ हो चुका था। तब हाथ मिलाना ही खेल की आत्मा को दर्शाता। क्रिकेट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, यह भावना का भी खेल है।”

दो गुटों में बंटा क्रिकेट वर्ल्ड

स्टेन के पोस्ट के बाद अब सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमियों के दो गुट बन गए हैं — एक जो स्टोक्स की खेल भावना का समर्थन कर रहा है और दूसरा जो मानता है कि खिलाड़ियों को अपने शतक के लिए खेलने का पूरा अधिकार है। कई भारतीय फैंस ने स्टेन के बयान पर विरोध जताते हुए कहा कि, “जब खेल के नियम खिलाड़ियों को खेलने की इजाज़त देते हैं, तो नैतिकता का पाठ पढ़ाना सही नहीं है।”

आखिरी टेस्ट से पहले माहौल गर्म

सीरीज का चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा और फिलहाल भारत 2-1 से आगे है। पांचवां और आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से द ओवल, लंदन में खेला जाएगा। इससे पहले यह विवाद खिलाड़ियों और फैंस के बीच साइकोलॉजिकल वॉर का कारण बन चुका है। गौरतलब है कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स अपनी आक्रामक कप्तानी और फेयर प्ले के लिए जाने जाते हैं। वहीं, डेल स्टेन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी का इस तरह खुलकर पक्ष लेना, इस विवाद को और भी गहराता दिख रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ओवल टेस्ट के मैदान पर क्या यह विवाद किसी और रंग में नज़र आता है या खिलाड़ी इसे पीछे छोड़ खेल पर फोकस करते हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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