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अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप की धमकी से सहमा भारतीय बाजार, सेंसेक्स 308 अंक टूटा

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मुंबई | 5 अगस्त 2025

वैश्विक अनिश्चितता, भारतीय रुपये में गिरावट और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने आज भारतीय शेयर बाजार को हिला दिया। मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने और रूस से तेल खरीद पर चेतावनी के बाद निवेशकों की भावनाओं पर नकारात्मक असर पड़ा।

 बाजार का हाल
  • सेंसेक्स: 308 अंक की गिरावट के साथ 80,710.25 पर बंद (0.38%↓)

  • निफ्टी 50: 73.20 अंक टूटकर 24,649.55 पर बंद (0.30%↓)

बाजार की शुरुआत मजबूत संकेतों के साथ हुई थी, लेकिन दिन के अंत तक बिकवाली हावी हो गई, खासकर आईटी, बैंकिंग और ऑयल एंड गैस सेक्टर में।

ट्रंप की धमकी और वैश्विक दबाव

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी, और रूस से तेल की खरीद पर संभावित प्रतिबंधों की आशंका ने बाजार में डर का माहौल पैदा कर दिया। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली से भी बाजार पर दबाव बढ़ा। विनोद नायर, रिसर्च हेड, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार: “वैश्विक बाजारों में तेजी होने के बावजूद भारत में नकारात्मक ट्रेंड रहा। खासकर ऑयल एंड गैस स्टॉक्स में गिरावट ट्रंप के बयानों का नतीजा है।”

 किस सेक्टर ने कैसे किया प्रदर्शन?

सेक्टर प्रदर्शन
🟢 ऑटो +0.4% ↑
🔴 बैंकिंग -0.5% ↓
🔴 आईटी -0.5% ↓
🔴 ऑयल एंड गैस -0.4% ↓
🔴 एफएमसीजी -0.3% ↓
टॉप गेनर्स और लूजर्स (NSE पर)

 टॉप गेनर्स: टाइटन, मारुति सुजुकी, एसबीआई लाइफ, इंडसइंड बैंक, ट्रेंट

 टॉप लूजर्स:  इंफोसिस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़, आईसीआईसीआई बैंक

 विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) लगातार भारतीय इक्विटी से पैसा निकाल रहे हैं।आज उन्होंने कुल ₹2,566 करोड़ की इक्विटी बिकवाली की, जो बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है। बाजार में गिरावट के बीच एक पॉजिटिव संकेत यह रहा कि जुलाई का सर्विस PMआई मजबूत बिक्री के दम पर 11 महीने में रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इससे भारतीय इकोनॉमी की फंडामेंटल मजबूती का संकेत मिलता है।

 आगे क्या?

अभी के हालात में बाजार की चाल पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक घटनाक्रमों, खासकर अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों और रूस से तेल आयात पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्क रहने और मूल्य आधारित निवेश की सलाह दी जा रही है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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