राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक तनोट थाना क्षेत्र में एक युवक और युवती के सड़े-गले शव मिलने से हड़कंप मच गया है। मौके से पाकिस्तान के राष्ट्रीय पहचान पत्र बरामद होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। फिलहाल पुलिस, एफएसएल और सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहन जांच में जुट गई हैं।
15 किमी अंदरूनी क्षेत्र में मिले शव
शनिवार को तनोट थाना पुलिस को सूचना मिली कि गजेसिंह के कुएं से लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम की ओर दो शव पड़े हुए हैं। थानाधिकारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जहां एक युवक का शव कैर के पेड़ के नीचे मिला और कुछ ही दूरी पर एक युवती का शव पड़ा हुआ मिला। दोनों शव बुरी तरह सड़ चुके थे और अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी मौत 8 से 10 दिन पहले हो चुकी है।
क्या मिला घटनास्थल पर?
युवक आसमानी रंग के सलवार-कुर्ते में था और उसके पास एक मोबाइल फोन व एक पीली चुनरी भी मिली। उसके चेहरे पर एक जेरिकन (प्लास्टिक ड्रम) रखा हुआ था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया था। युवती पीले रंग का घाघरा-कुर्ता पहने हुए थी और उसके हाथों में लाल-सफेद चूड़ियां थीं। दोनों के शव औंधे मुंह पड़े थे और पूरी तरह से सड़ चुके थे।
मामले में नया मोड़: पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि युवक की जेब से दो पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले:, एक कार्ड पर युवक का नाम रवि कुमार पुत्र दीवान (DOB: 03.01.2008) और आईडी नंबर 45104-1149399-7 था। दूसरे पर लड़की का नाम शांति बाई कुमार पुत्री गुलू (DOB: 30.07.2010) और आईडी नंबर 45104-2075074-6 लिखा था। दोनों कार्डों पर “Pakistan” देश का जिक्र था और पीठ की ओर उर्दू में विवरण लिखा था।
जांच के लिए स्पेशल टीमें पहुंचीं
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने जानकारी दी कि घटना की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल, एमओबी और वृत्ताधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे इलाके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाई तथा साक्ष्य एकत्र किए।
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता
भारत-पाक सीमा के इतने नजदीक पाकिस्तानी पहचान पत्रों के साथ दो शवों का मिलना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं और यह जांच शुरू हो गई है कि कहीं इसमें घुसपैठ, तस्करी या जासूसी नेटवर्क से जुड़ा कोई एंगल तो नहीं है।
क्या है अगला कदम?
फिलहाल दोनों शवों की डीएनए जांच, मोबाइल डाटा रिकवरी और पहचान के लिए प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों पर कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।
निष्कर्ष:
भारत-पाक सीमा पर इस तरह का मामला न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि सीमा के इतने नजदीक ऐसे लोग कैसे पहुंचे और उनकी मौत कैसे हुई? क्या यह सीमा पार प्रेम की कोई कहानी है या फिर कोई गहरा षड्यंत्र?

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।