राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा रियायती दर पर जमीन दिए जाने के मामलों की अब भाजपा सरकार ने गहन जांच शुरू कर दी है। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के निर्देश पर सभी नगर निकाय, विकास प्राधिकरण और ट्रस्टों में ऐसे आवंटनों की छानबीन की जा रही है, जिनमें शर्तों का उल्लंघन हुआ है।
इंडियन मेडिकल ट्रस्ट पर गंभीर आरोप, JDA ने भेजा नोटिस
जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने इंडियन मेडिकल ट्रस्ट को तीन अलग-अलग भूखंडों पर शर्तों के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किया है।ट्रस्ट पर आरोप है कि उसने गलत तथ्य पेश कर जमीन हासिल की और उसके बाद आवंटन की शर्तों की पालना नहीं की। इन आरोपों को गंभीर माना गया है और ट्रस्ट से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
केस-1: साइंसटेक सिटी, दिल्ली रोड
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जमीन क्षेत्रफल: 4,04,164 वर्गमीटर
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उपयोग: स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
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डीएलसी दर: ₹1,052.80 प्रति वर्गमीटर
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आवंटन दर: ₹379 प्रति वर्गमीटर
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आरोप: DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) में विद्यार्थियों और रोजगार से संबंधित आंकड़े भ्रामक।
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नामांकन – 11,640 छात्र/वर्ष
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प्रत्यक्ष रोजगार – 11,855
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अप्रत्यक्ष रोजगार – 7,21,400
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जांच में खुलासा: इन दावों के कोई प्रमाण मौजूद नहीं, न ही 2023-2025 के पूंजीगत व्यय (818 करोड़ रु.) स्पष्ट दिखते हैं।
केस-2: सिरोली, गोनेर रोड
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जमीन क्षेत्रफल: 95,455 वर्गमीटर (दो आवंटन – 64,122 व 31,333 वर्गमीटर)
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उपयोग: सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और रेजिडेंशियल हायर सेकेंडरी स्कूल
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संस्थानिक आरक्षित दर: ₹12,500 प्रति वर्गमीटर
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आवंटन दर: ₹4,313 प्रति वर्गमीटर
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आरोप:
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तय समय (4 साल) में निर्माण पूरा नहीं हुआ
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दो भूखंडों पर अब तक कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं
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अन्य दो पर JDA मानचित्र के विपरीत निर्माण हो रहा है
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सरकार ने मांगी राज्यभर से रिपोर्ट
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सभी नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे 15 दिन के भीतर ऐसी सभी संस्थाओं की सूची तैयार करें, जिन्हें रियायती दर पर जमीन दी गई और जिन्होंने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया। “रियायती दर पर आवंटित जमीन की अनुबंध शर्तों की जांच की जा रही है। इंडियन मेडिकल ट्रस्ट को नोटिस जारी किया गया है। अन्य ऐसे मामलों की भी सूची मांगी गई है।“
— झाबर सिंह खर्रा, नगरीय विकास मंत्री
निष्कर्ष: जमीन आवंटन की नई समीक्षा प्रक्रिया
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि राजस्थान सरकार अब राजनीतिक या संस्थागत प्रभाव को दरकिनार करते हुए अनुशासनात्मक रुख अपना रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में और कई ट्रस्ट और संस्थाओं पर कार्रवाई की जा सकती है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।