राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में शुक्रवार की सुबह बच्चों के लिए एक आम स्कूल डे नहीं, बल्कि कयामत का दिन बन गया। बारिश के बीच सरकारी स्कूल की छत भरभराकर गिर पड़ी और देखते ही देखते क्लासरूम कब्रगाह में तब्दील हो गया। आठ नन्ही जानें हमेशा के लिए खामोश हो गईं, जबकि 30 से ज्यादा बच्चे मलबे के नीचे घायल पड़े रहे। दर्द, आंसू और मातम ने पूरे गांव को जकड़ लिया।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी बच्चों की आंखों में अब भी डर जिंदा है। एक छात्रा ने बताया, “सर को बोला था कि पत्थर गिर रहे हैं, बाहर जाने दो, पर उन्होंने मना कर दिया। कुछ ही मिनटों में छत टूटकर हमारे ऊपर गिर गई। सब चीखने लगे।” लेकिन इस सिसकती अपील को सुनने वाला कोई नहीं था।
इस हादसे ने न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की वो परतें भी उजागर कर दीं जो वर्षों से नजरअंदाज की जा रही थीं। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्कूल की इमारत काफी पुरानी थी और कई बार शिकायतों के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं करवाई गई।
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गहरा शोक व्यक्त किया। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह हादसा बेहद दुखद है, और घायलों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। राष्ट्रपति ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
राज्य सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी के गठन का ऐलान किया है। वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विपक्ष के नेताओं ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया है। हालांकि, पूर्व शिक्षामंत्री गोविंद डोटासरा ने सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हुए कहा, “यह हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या है।” वहीं, अस्पताल के बाहर बिलखते परिजन किसी चमत्कार की उम्मीद में थे कि शायद उनका बच्चा बच जाए। कुछ घायल बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां डॉक्टर्स की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
यह हादसा कई सवाल छोड़ गया है—क्या स्कूल सिर्फ शिक्षा का केंद्र है या लापरवाही का नमूना बन गए हैं? क्या जिम्मेदारों की नींद अब खुलेगी या अगली बारिश फिर किसी मासूम की जिंदगी ले जाएगी?
पीपलोदी का यह मंजर अब एक उदाहरण बन चुका है—इस बात का कि सिस्टम की चूक कितनी भारी पड़ सकती है। शायद अब समय आ गया है कि इमारतों की मजबूती से पहले ज़िम्मेदारियों की नींव मजबूत की जाए।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।