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महेश जोशी की गिरफ्तारी पर सियासी बवाल: अशोक गहलोत बोले – ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध’, टीकाराम जूली ने भी उठाए सवाल

जल जीवन मिशन घोटाले में राजस्थान के पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जोशी को हिरासत में लेने के बाद कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं – अशोक गहलोत और टीकाराम जूली – ने केंद्र की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर जमकर निशाना साधा।

गहलोत का तीखा प्रहार: “ED अब भाजपा का एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा: “भाजपा का एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट बन चुके ED द्वारा पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।” गहलोत ने यह भी बताया कि महेश जोशी की पत्नी बीते 15 दिनों से जयपुर के एक अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती हैं। उन्होंने कहा: “ED को बयान देने की जोशी की इच्छा थी लेकिन उनकी पत्नी के हालात देखते हुए ये कार्रवाई टाली जा सकती थी। यह गिरफ्तारी भावनात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है, जिससे मनमुताबिक बयान लिए जा सकें।”

टीकाराम जूली का तंज: “ED विपक्ष के लिए टूल बन गई है”

वहीं राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा: “जिस तरह से ED कार्रवाई कर रही है, उससे लगता है जैसे ये एजेंसी केवल विपक्ष के नेताओं के लिए बनी हो। हमें जायज कार्रवाई से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन नाजायज कार्रवाई करना गलत है।” जूली ने यह भी कहा कि जोशी की पत्नी की तबीयत को देखते हुए गिरफ्तारी को कुछ समय के लिए टाला जा सकता था।

28 अप्रैल को फिर कोर्ट में पेश होंगे महेश जोशी

जल जीवन मिशन घोटाले के सिलसिले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। महेश जोशी को कोर्ट ने ED की रिमांड पर भेज दिया है और उन्हें अगली बार 28 अप्रैल 2025 को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?

जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए बजट दिया गया था। आरोप है कि राजस्थान में इस योजना में ठेकों की अनियमितता, भुगतान में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों रुपये का गबन किया गया। ईडी इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।


राजनीतिक हलकों में यह मामला और भी गर्माता दिख रहा है, जहां एक ओर भाजपा इसे ‘कानून के मुताबिक कार्रवाई’ बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे ‘राजनीतिक दबाव और प्रतिशोध’ करार दे रही है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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