[the_ad id="102"]

बिहार की वोटर लिस्ट पर सियासी घमासान: राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। जहां एक ओर चुनाव आयोग की कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी और चुनाव आयोग पर “चुनाव चोरी” के आरोप लगाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने असम के चायगांव में एक कार्यक्रम के दौरान आरोप लगाया कि “जैसा महाराष्ट्र में हुआ, अब वही खेल बिहार में खेला जा रहा है।” वहीं, ममता बनर्जी ने कोलकाता की रैली में कहा कि “अगर कोई बीजेपी की दलाली करेगा, तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे।”

 राहुल गांधी: “महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में हो रही है वोटों की चोरी”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में चुनाव के दौरान “एक करोड़ फर्जी वोटर” जोड़े गए। उन्होंने कहा:“हमने चुनाव आयोग से पूछा कि ये नए वोटर कहां से आए? आज तक कोई जवाब नहीं मिला। हमने वीडियोग्राफी दिखाने को कहा, उसे भी ठुकरा दिया गया।” राहुल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव जीतने की स्थिति में था, लेकिन “चार महीने में एक करोड़ नए वोटर जुड़वाकर” चुनाव का रुख बदल दिया गया। “अब यही साजिश बिहार में की जा रही है। गरीब, किसान, मजदूर और RJD-कांग्रेस समर्थकों के नाम हटाए जा रहे हैं। अगर हम सतर्क नहीं रहे, तो अगला नंबर असम का होगा।”

 ममता बनर्जी: “दलाली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”

कोलकाता में हजारों समर्थकों के साथ सड़क पर उतरीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:“अगर कोई बीजेपी की दलाली करेगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम ऐसे लोगों को नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगालियों के साथ भेदभाव हो रहा है। ममता ने कहा कि बिहार में 30 लाख से ज्यादा वोटर्स को सूची से हटाया गया, जिससे स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है। उनका कहना है कि SIR के नाम पर “चुनिंदा वोटर्स” को सूची से हटाया जा रहा है, जिससे एक खास पार्टी को लाभ पहुंचे।

 चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे सवाल

SIR प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने, फॉर्म न मिलने और रसीद न जारी होने जैसी शिकायतों को विपक्ष ने “सुनियोजित रणनीति” बताया है।वहीं, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर चुनाव आयोग इन आरोपों पर पारदर्शिता नहीं दिखाता, तो जनता के बीच उसकी साख पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

 निष्कर्ष

बिहार में SIR के चलते सियासी तापमान लगातार बढ़ रहा है। जहां बीजेपी इसे मतदाता सूची को दुरुस्त करने की जरूरी प्रक्रिया बता रही है, वहीं विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में “हस्तक्षेप” मान रहा है। अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग की अगली प्रतिक्रिया और जनवरी 2026 के संभावित विधानसभा चुनावों से पहले होने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों पर टिकी हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत