बेंगलुरु, 9 अगस्त:
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक बड़ी रैली को संबोधित करने जा रहे हैं। इस रैली को ‘वोट अधिकार रैली’ नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य देशभर में मतदाता सूची में हो रही कथित अनियमितताओं और वोटर डेटा में हेरफेर के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है।
कांग्रेस दिखी एकजुट
इस रैली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, पार्टी के प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, राज्य सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। पार्टी इसे केवल एक राजनीतिक सभा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
महादेवपुरा बना मुद्दा
रैली से एक दिन पहले दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां से करीब 1 लाख से अधिक वोटों की कथित चोरी हुई है। उन्होंने कहा कि “इस क्षेत्र के आंकड़े साफ बताते हैं कि कैसे चुनावों में नतीजे बदलने की साजिश की गई है।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस सीट के अंतर्गत महादेवपुरा आता है (बेंगलुरु मध्य), वहां बीजेपी ने सिर्फ 32,707 वोटों से जीत दर्ज की थी। “अगर वोटों की हेराफेरी न हुई होती, तो नतीजा शायद बिल्कुल अलग होता,” उन्होंने दावा किया।
“चुनाव आयोग भी संदेह के घेरे में”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह सब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मिलीभगत से और निर्वाचन आयोग की निष्क्रियता के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा: “मतदाता सूची में जानबूझकर छेड़छाड़ करना सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं, बल्कि ये लोकतंत्र के साथ धोखा है। और जब चुनाव आयोग इस पर आंख मूंद लेता है, तो सवाल उठाना जरूरी हो जाता है।”
बीजेपी और EC पर तंज
हाल ही में राहुल गांधी के इस मुद्दे पर दिए गए बयानों को लेकर बीजेपी ने उन पर तंज कसा था, जब उन्होंने निर्वाचन आयोग को लेकर ‘एटम बम’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। भाजपा नेताओं ने इसे “बचकाना और जिम्मेदारी से परे” बताया। वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी सिर्फ जनता के संवैधानिक अधिकारों की बात कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
‘वोट अधिकार रैली’ को लेकर कांग्रेस पूरी तरह आक्रामक मुद्रा में है। राहुल गांधी की अगुवाई में यह रैली मतदाता सूची से जुड़े मुद्दों को एक बड़ा राजनीतिक एजेंडा बनाने की कोशिश है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रैली के बाद चुनाव आयोग और भाजपा की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।