राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक बड़ी राहत देते हुए उनके मानदेय में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिवालय में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी ने की।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल
राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। दीया कुमारी ने कहा, “सरकार इन महिलाओं की भूमिका को केवल सरकारी कर्मी के रूप में नहीं, बल्कि समाज के निर्माण में सहभागी के रूप में देखती है। उनकी मेहनत और समर्पण के बदले उन्हें बेहतर सुविधा देना हमारा कर्तव्य है।”
आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये
बैठक में यह भी तय किया गया कि 3,688 आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया जाएगा। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया, जिससे मरम्मत कार्य शीघ्रता से पूरे किए जा सकें।
पोषण योजनाओं को और प्रभावी बनाने पर ज़ोर
समीक्षा बैठक में महिलाओं और बच्चों के पोषण को लेकर चल रही योजनाओं का भी विस्तृत आकलन किया गया। खासतौर से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा हुई:
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‘अमृत आहार योजना’ के तहत कुपोषित (SAM) बच्चों को दिए जाने वाले दूध की मात्रा बढ़ाने पर सहमति।
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‘न्यूट्रि-किट योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलों को अतिरिक्त मार्गदर्शन।
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पोषण ट्रैकर के डेटा को रियल टाइम अपडेट रखने के निर्देश।
अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा
दीया कुमारी ने कई प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करते हुए उनके समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए:
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में राजस्थान के देश में प्रथम स्थान पर रहने के लिए अधिकारियों को बधाई।
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हाई-प्रोफाइल आंगनबाड़ी, सखी केंद्र, उड़ान योजना, नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, कौशल सामर्थ्य योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की प्रगति का मूल्यांकन।
महिलाओं की भागीदारी और गरिमा को मिलेगा सम्मान
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केवल मानदेय नहीं, बल्कि सम्मान और पहचान देना सरकार की प्राथमिकता है। वे न सिर्फ बाल विकास का आधार हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की रीढ़ भी हैं।
निष्कर्ष:
भजनलाल सरकार का यह फैसला ना केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए राहत भरा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण की दिशा में भी एक सशक्त कदम है। आने वाले समय में यह पहल प्रदेश के बच्चों और महिलाओं के पोषण व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अगर आप चाहें तो मैं इस लेख के लिए भी तैयार कर सकता हूँ।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।