जयपुर, 14 अप्रैल 2025 — राजस्थान कांग्रेस ने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब पार्टी के जिलाध्यक्षों को संगठन की नींव मानते हुए उन्हें और अधिक सक्रिय भूमिका में लाया जाएगा। अहमदाबाद में हुए एआईसीसी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद प्रदेश कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों के लिए एक पांच सूत्रीय कार्यक्रम का एजेंडा जारी किया है।
संगठनात्मक सशक्तिकरण की दिशा में पहल
कांग्रेस ने तय किया है कि सबसे पहले जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्षों को पार्टी की रीति-नीति और संगठन के कामकाज को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण वर्चुअल माध्यम से या व्यक्तिगत तौर पर आयोजित किया जाएगा। इसमें अधिवेशन में लिए गए निर्णयों की जानकारी के साथ संगठनात्मक जिम्मेदारियों को भी समझाया जाएगा।
पांच सूत्रीय कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
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प्रशिक्षण कार्यक्रम: DCC अध्यक्षों को पार्टी के विचारधारा और कार्यशैली से जोड़ा जाएगा ताकि वे स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के संदेश को प्रभावी ढंग से फैला सकें।
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जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन: हर जिला अध्यक्ष को ब्लॉक और बूथ स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन आयोजित करना होगा, जिससे जमीनी स्तर पर संवाद और समन्वय को बल मिलेगा।
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सोशल मीडिया मोबिलाइज़ेशन: सोशल मीडिया पर पार्टी की उपस्थिति को और सशक्त किया जाएगा। इसके लिए तैयार किए गए कंटेंट को सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जाएगा।
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जिला स्तर पर संगठनात्मक समीक्षा: प्रत्येक जिलाध्यक्ष को अपने जिले की संगठनात्मक गतिविधियों की नियमित समीक्षा करनी होगी।
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स्थानीय मुद्दों पर फोकस: संगठन को स्थानीय समस्याओं से जोड़कर जनआंदोलन खड़ा करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा।
कांग्रेस में निष्क्रिय नेताओं पर भी सख्ती
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अब निष्क्रिय नेताओं पर भी निगाह बनाए हुए है। जल्द ही ऐसे नेताओं की पहचान कर उन्हें संगठन से अलग करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसकी शुरुआत राजस्थान से ही होगी। इस बीच, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने सोमवार को विधानसभा प्रभारियों की एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। राजस्थान कांग्रेस के इस नए कदम को आगामी चुनावी तैयारियों की दिशा में एक अहम कड़ी माना जा रहा है, जो पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की कोशिश है।
