राजस्थान में सरकारी शिक्षकों का आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर नजर आने वाला है। सीकर के नवलगढ़ रोड स्थित शिक्षक भवन में आयोजित 2 दिवसीय राज्य परिषद कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। कार्यशाला में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने शैक्षणिक ढांचे को बचाने, डीपीसी की बकाया मांगों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2030 के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की।
प्रमुख मुद्दे जिन पर आंदोलन होगा:
राजस्थान के शिक्षको ने 5 साल से लंबित DPC प्रमोशन सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2030 का विरोध, शिक्षा के द्वितीय स्तर का संरक्षण, शिक्षा के निजीकरण को रोकने की मांग, डेढ़ लाख बेरोजगार युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की मांग और बंद हो रहे स्कूलों के संरक्षण की जरूरत जैसे मांगों को लेकर आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने का निणर्य लिया है।
शिक्षकों ने क्या कहा?
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने कहा: “27 मई से 2 जून तक 48 डिग्री की गर्मी में हजारों शिक्षक सड़कों पर उतरे। आजादी और राज्य गठन के बाद ऐसा जनआंदोलन पहली बार हुआ, जिसमें कोई आर्थिक मांग नहीं थी – केवल शिक्षा और जनहित की बात थी।”
सरकार को अल्टीमेटम
कार्यशाला में यह तय किया गया कि अगर सरकार ने जल्द मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में शिक्षक एकजुट होकर व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ेंगे।
आगामी रणनीति:
शिक्षक संघ ने आगामी आंदोलन के लिए योजना तैयार कर ली है, जिसमें:
-
जिला स्तर पर जनसमर्थन जुटाने का अभियान
-
सोशल मीडिया और जनसंपर्क के ज़रिए आंदोलन का विस्तार
-
विधानसभा सत्र के दौरान जयपुर में शक्ति प्रदर्शन की संभावनाएं
पृष्ठभूमि: क्यों नाराज़ हैं शिक्षक?
पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान के सरकारी शिक्षकों की DPC फाइलें लंबित पड़ी हैं। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2030 के तहत शिक्षा के निजीकरण के प्रयासों पर भी शिक्षक वर्ग नाराज है। इसके अलावा कई स्कूलों के बंद होने और रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के चलते शिक्षकों में भारी असंतोष है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।