राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में हुए फर्जीवाड़े पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में सचिवों की कमेटी की बैठक हुई, जिसमें योजना के दुरुपयोग करने वाले कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाया गया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जिन विभागों के कार्मिकों की अनियमितताएं सामने आई हैं, उन्हें एक सप्ताह के भीतर निलंबित किया जाए।
पारदर्शिता लाने पर जोर
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि योजना में हर स्तर पर पारदर्शिता लाना जरूरी है। उन्होंने विभागीय सचिवों को चेतावनी दी कि फर्जीवाड़े और मनमानी पर अब कोई ढील नहीं बरती जाएगी।
मनमानी का आरोप
आरजीएचएस योजना में दवा दुकानों के पंजीकरण को लेकर अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। कई मेडिकल स्टोर्स का पंजीकरण बिना स्पष्ट कारण निलंबित कर दिया गया, वहीं नए आवेदनों को भी लंबित रखा गया। फार्मासिस्टों का आरोप है कि अनुमोदन के लिए सिफारिश ढूंढ़नी पड़ती है।
गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई
-
जयपुर के बस्सी क्षेत्र की एक सीनियर टीचर कुंबोदिनी मीना को योजना का गलत उपयोग करने पर निलंबित किया गया।
-
विभिन्न विभागों के 12 कर्मचारियों और 2 डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है।
-
इन पर आरोप है कि उन्होंने दवा की जगह घरेलू सामान खरीदा, फर्जी पर्चियां बनवाईं और योजना का फायदा अपने रिश्तेदारों व मित्रों के लिए उठाया।
अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स पर FIR
वित्त विभाग की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर चूरू के शिवम ड्रग स्टोर, सीकर के गुरु कृपा अस्पताल, न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर और नागौर की एक सहकारी समिति की दुकान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
सरकार का सख्त संदेश
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि लंबे समय से आरजीएचएस में गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। अब जांच में तथ्य सामने आने के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।