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टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीत पर भावुक हुए रोहित शर्मा, बोले – “दिल टूटते देखे हैं, इसलिए ये जीत खास है”

टीम इंडिया की टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ऐतिहासिक जीत को एक साल पूरे हो गए हैं। खैर कैसे कोई उस लम्हे को भूल सकता है। वो खास दिन तमाम भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल में बसा है। और बसे भी क्यों ना वनडे वर्ल्ड कप 2023 की ​हार का जख्म लिये बैठे हर देशवासियों के लिए इस जीत ने एक मरहम का काम जो किया। और इस खास मौके पर पूर्व कप्तान रोहित शर्मा भावुक नजर आए। उन्होंने जीत से जुड़े कई अनसुने लम्हों को साझा करते हुए बताया कि फाइनल मैच से पहले वो इतनी घबराहट में थे कि नींद तक नहीं आई थी। रोहित ने कहा कि इस जीत ने बीते सालों की कड़वी यादों पर मरहम का काम किया।  आइये बताते रोहित ने किस प्रकार अपनी भावनाओं को व्यक्त किया…

“बारबाडोस हमेशा रगों में रहेगा” – रोहित शर्मा

जियो हॉटस्टार को दिए इंटरव्यू में रोहित शर्मा ने कहा, “बारबाडोस हमेशा मेरी रगों में रहेगा। यह मेरे क्रिकेट करियर का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। 2007 में धोनी की कप्तानी में जब पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था, तब मैं युवा था। लेकिन इस बार कप्तान के रूप में जीतना, राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर ट्रॉफी उठाना, एक सपना था जो सच हो गया।”

फाइनल से पहले की रात – नींद गायब, दिल में डर

रोहित ने बताया, “मैं पूरी रात सो नहीं पाया। बार-बार ख्याल आता था कि या तो कप हमारे पास होगा, या नहीं। मैं सुबह 7 बजे ही उठ गया था जबकि निकलना 9 बजे था। मैं अपने कमरे से मैदान को देखता रहा… सिर्फ जीत के बारे में सोचता रहा।” उन्होंने कहा कि 2007 और 2011 के बाद इतने वर्षों का इंतजार बहुत लंबा था, और इस बार जीत के बाद सारी भावनाएं छलक पड़ीं।

कोहली और अक्षर की साझेदारी ने बदल दिया मैच

फाइनल मुकाबले में विराट कोहली के 76 रन और अक्षर पटेल के 47 रन (31 गेंद) की साझेदारी को रोहित ने गेम चेंजर बताया। “अक्षर पटेल की पारी के बारे में कम ही लोग बात करते हैं, लेकिन उस साझेदारी ने हमें मैच में बनाए रखा। विराट ने उस दिन जिस तरह से अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए खेला, वो वाकई कमाल का था।”

तीन विकेट जल्दी गिरे, ड्रेसिंग रूम में घबराहट

मैच की शुरुआत में भारत ने जल्दी तीन विकेट गंवा दिए थे। रोहित ने स्वीकार किया कि उस समय ड्रेसिंग रूम में घबराहट और तनाव का माहौल था।  “मैं खुद भी नर्वस था, लेकिन मुझे हमारी बैटिंग लाइनअप पर भरोसा था – शिवम, हार्दिक और अक्षर जैसे खिलाड़ी किसी भी समय मैच पलट सकते हैं। और उन्होंने वैसा ही किया।”

सीखा – भावनाओं को कैसे करें कंट्रोल

रोहित ने कहा,“इतने साल तक खेलने से आपको सीख मिलती है कि कैसे मानसिक दबाव को संभालें। फाइनल जैसे मौकों पर अनुभव काम आता है। कोहली ने भी उस दिन दिखाया कि क्यों वह इतने बड़े खिलाड़ी हैं।”

रोहित का आखिरी टी20 मैच बना यादगार

इस खिताबी जीत के साथ ही रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा ने टी20 क्रिकेट को अलविदा कहा था। फैंस के लिए यह पल भावुक था और खुद रोहित के लिए भी यह विदाई सबसे खास बन गई।

निष्कर्ष:

रोहित शर्मा की कप्तानी, कोहली की क्लास, और अक्षर की आक्रामकता… इन तीनों की बदौलत भारत ने सालों बाद आईसीसी ट्रॉफी जीती और करोड़ों भारतीयों के दिलों में फिर से क्रिकेट का जुनून जगा दिया।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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