नई दिल्ली। सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा राहत भरा कदम उठाया है। बोर्ड की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि म्यूचुअल फंड स्कीम से समय से पहले पैसा निकालने (एग्जिट) पर लगने वाला मैक्सिमम एग्जिट लोड 5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
इस फैसले का सीधा फायदा उन निवेशकों को होगा जिन्हें मार्केट की स्थिति या व्यक्तिगत जरूरत के हिसाब से बीच में फंड रिडीम करना पड़ता है। निवेशकों के लिए यह कदम लागत घटाने और म्यूचुअल फंड मार्केट को और आकर्षक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नए नियम की मुख्य बातें
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पहले म्यूचुअल फंड्स में मैक्सिमम एग्जिट लोड 5% तक था, जिसे अब 3% कर दिया गया है।
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यह बदलाव सभी म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर लागू होगा।
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रिडेम्प्शन कॉस्ट घटने से निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश और आसान और आकर्षक हो जाएगा।
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बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि निवेशक अब आसानी से पैसा निकाल सकेंगे।
बाजार पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि इस बदलाव से छोटे और मध्यम निवेशकों का म्यूचुअल फंड्स में भरोसा और मजबूत होगा। इससे बचत से निवेश की ओर पूंजी का रुख तेज होगा और घरेलू वित्तीय बाजार में भागीदारी बढ़ेगी।
शेयर बाजार पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में नए निवेशकों की एंट्री बढ़ सकती है और फंड हाउसेज के AUM (Assets Under Management) पर लंबी अवधि में पॉजिटिव असर दिख सकता है। कुल मिलाकर, यह फैसला शेयर बाजार में स्थिरता और लिक्विडिटी दोनों को सहारा देने वाला साबित होगा।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।