शुभमन गिल इस समय अपने करियर के स्वर्णिम दौर से गुजर रहे हैं। भारतीय टेस्ट कप्तान के रूप में पहली ही सीरीज में उन्होंने जिस अंदाज़ में रन बरसाए हैं, वह सिर्फ आंकड़े नहीं, एक नई क्रिकेट गाथा की प्रस्तावना है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की मौजूदा टेस्ट सीरीज में गिल अब तक 722 रन बना चुके हैं, जिसमें चार शतक और एक दोहरा शतक शामिल है। अब जब सीरीज का अंतिम मुकाबला 31 जुलाई से लंदन के ऐतिहासिक केनिंगटन ओवल मैदान पर खेला जाना है, तो गिल के पास इतिहास रचने का स्वर्णिम अवसर है।
1. गावस्कर का रिकॉर्ड बस 52 रन दूर
1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ महान सुनील गावस्कर ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में 774 रन बनाए थे। यदि शुभमन गिल ओवल टेस्ट में 52 रन और बना लेते हैं, तो वह इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तोड़कर एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे।
2. कप्तानी में भी सबसे आगे निकलने का मौका
गिल बतौर कप्तान भी इतिहास रचने की दहलीज़ पर हैं। गावस्कर ने 1978-79 में भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ 732 रन बनाए थे, जो किसी भी भारतीय कप्तान का सर्वाधिक स्कोर है। गिल इस समय 722 रन पर हैं और उन्हें सिर्फ 11 रन की दरकार है इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए।
3. शतकों की शृंखला में ब्रैडमैन और गावस्कर को पछाड़ने का मौका
एक टेस्ट सीरीज में कप्तान के तौर पर सबसे ज्यादा शतक (4) लगाने का रिकॉर्ड फिलहाल ब्रैडमैन, गावस्कर और अब गिल के नाम संयुक्त रूप से है। अगर गिल ओवल में एक और शतक लगाते हैं, तो वह इस सूची में सबसे ऊपर पहुंच जाएंगे।
4. ब्रैडमैन के 88 साल पुराने रिकॉर्ड पर भी नज़र
1936/37 की एशेज सीरीज में सर डॉन ब्रैडमैन ने कप्तान के रूप में डेब्यू सीरीज में 810 रन बनाए थे। गिल यदि आखिरी टेस्ट में 89 रन बना लेते हैं, तो वह ब्रैडमैन का यह 88 साल पुराना कीर्तिमान भी ध्वस्त कर देंगे।
5. ‘लारा-कुक-स्मिथ क्लब’ में शामिल होने की कगार पर
शुभमन गिल इस समय एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की ऐतिहासिक सूची में ब्रायन लारा (765), एलेस्टेयर कुक (766), और स्टीव स्मिथ (769) के करीब पहुंच चुके हैं। यदि गिल एक बड़ा स्कोर बनाते हैं, तो वह इस ‘ग्रेट क्लब’ का हिस्सा भी बन सकते हैं।
गिल का फॉर्म: आत्मविश्वास से लबरेज
गिल ने इस सीरीज में हर तरह की परिस्थितियों में खुद को साबित किया है — स्विंग करती गेंद, स्पिन ट्रैक या दबाव भरे मौके। एक युवा बल्लेबाज़ से कप्तान तक का उनका यह सफर भारतीय क्रिकेट के भविष्य की दिशा तय करता दिख रहा है।
निष्कर्ष: इतिहास बनने की तैयारी
31 जुलाई को जब शुभमन गिल ओवल में मैदान पर उतरेंगे, तो सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ एक और मुकाबला नहीं होगा, बल्कि यह क्रिकेट इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कराने का मोका होगा। क्या गिल इन रिकॉर्डों को तोड़ पाएंगे? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट एक नए युग की ओर बढ़ रहा है — शुभमन युग की ओर।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।