महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर गर्माहट लौट आई है। शिवसेना (UBT) द्वारा नासिक में आयोजित एक दिवसीय ‘निर्धार शिबिर’ में दिवंगत नेता और पार्टी संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की आवाज़ को एआई तकनीक से पुनर्जीवित कर भाषण के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस तकनीकी प्रयोग को लेकर जहां पार्टी समर्थकों में जोश दिखा, वहीं बीजेपी ने इसे लेकर उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है।
कार्यक्रम के दौरान बालासाहेब की आवाज़ हूबहू उन्हीं की तरह सुनाई दी, जिससे श्रोताओं को ऐसा लगा मानो बाला साहेब खुद सभा को संबोधित कर रहे हों। लेकिन यह दृश्य बीजेपी को नागवार गुज़रा। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जिस विचारधारा के खिलाफ बाला साहेब ने अपनी पूरी ज़िंदगी संघर्ष किया, आज उद्धव उसी के साथ खड़े होकर उनकी आवाज़ का राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। यह सरासर विश्वासघात है। यदि बाला साहेब जीवित होते तो ऐसे लोगों को लात मारते।”
बावनकुले ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, “आपकी आवाज़ अब कोई नहीं सुनता, इसलिए एआई से बालासाहेब की आवाज़ का सहारा लेना पड़ रहा है। ये हरकत बेहद शर्मनाक है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव गुट अब पूरी तरह से बालासाहेब के विचारों से भटक चुका है और उनकी छवि का केवल राजनीतिक उपयोग कर रहा है।
बीजेपी नेता ने याद दिलाया कि उद्धव ठाकरे आज उन्हीं दलों के साथ बैठे हैं जिन्होंने राम मंदिर, आर्टिकल-370 और वीर सावरकर जैसे मुद्दों पर हमेशा विरोध जताया था। बावनकुले बोले, “कम से कम बाला साहेब के निधन के बाद तो उनकी आवाज़ का ऐसा दुरुपयोग मत करो।”
शिवसेना (UBT) का यह कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं—कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। उद्धव ठाकरे ने इस शिबिर के जरिए पार्टी को एकजुट करने और अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन अब यह कोशिश एआई विवाद में फंसती दिख रही है।

Author: manoj Gurjar
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