सावन माह में चल रही कांवड़ यात्रा को निशाना बनाकर सांप्रदायिक दंगे भड़काने की बड़ी साजिश को यूपी पुलिस ने विफल कर दिया है। ककरौली थाना क्षेत्र में सक्रिय एक मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों – नदीम, मनशेर और रहीश को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि ये आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए फर्जी वीडियो और भड़काऊ ऑडियो मैसेज वायरल कर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश रच रहे थे। इस मामले में पाकिस्तानी एजेंसी की भूमिका की भी आशंका जताई जा रही है।
भड़काऊ कंटेंट के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश
डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘ककरौली युवा एकता’ के जरिए पाकिस्तान की पुरानी हिंसात्मक वीडियो को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की बताकर वायरल कर रहे थे। इसके साथ ही एक ऑडियो क्लिप भी वायरल की जा रही थी, जिसमें कथित तौर पर बजरंग दल के लोगों द्वारा मुसलमानों के घरों में घुसकर हमले करने की बात कही गई थी। ऑडियो में दावा किया गया कि कई गांवों में 50 से अधिक मुस्लिमों की हत्या हो चुकी है। इस फर्जी जानकारी को खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विशेष संप्रदायों के व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल किया जा रहा था, ताकि लोगों को भड़काया जा सके और दंगे की आग भड़क सके।
सावन के सोमवार को चुना गया साजिश का दिन
डीआईजी ने बताया कि साजिश को सोची-समझी रणनीति के तहत अंजाम दिया जा रहा था। आरोपियों ने सावन के दूसरे सोमवार को चुना, जब प्रदेश भर में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर होती है और धार्मिक आस्था चरम पर होती है। इस समय सांप्रदायिक तनाव फैलाकर दंगे और आतंकी हमले की ज़मीन तैयार करने की कोशिश की जा रही थी।
लोन वुल्फ अटैक की साजिश और पाक कनेक्शन
पुलिस के अनुसार आरोपियों का मकसद न केवल सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था, बल्कि लोन वुल्फ आतंकी हमले की राह तैयार करना भी था। इस मामले में पाकिस्तानी एजेंसियों और आतंकी संगठनों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। डीआईजी ने बताया कि ऐसे चार व्हाट्सएप ग्रुप्स को चिन्हित किया गया है, जिनमें सैकड़ों सदस्य शामिल हैं। पुलिस की टीमें इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में अन्य राज्यों में भी दबिश दे रही हैं।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की थी बड़ी साजिश
पुलिस का मानना है कि इस साजिश के जरिए न केवल सावन की कांवड़ यात्रा को बाधित करना था, बल्कि धार्मिक नफरत फैलाकर देश में अस्थिरता पैदा करना भी मकसद था। भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना और उन्हें उकसाकर सामाजिक सौहार्द को तोड़ना, इस पूरी योजना का केंद्र बिंदु था।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।