अलास्का में शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बहुचर्चित शिखर वार्ता (Trump Putin Summit 2025) के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की सामने आए हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि वे सोमवार को वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War) को खत्म करने की संभावनाओं पर चर्चा करना है।
ज़ेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने ट्रंप से फोन पर लंबी बातचीत की। इस बातचीत में ट्रंप ने उन्हें पुतिन के साथ हुई अलास्का बैठक के अहम बिंदु साझा किए। बाद में इस कॉल में यूरोपीय नेताओं—ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, नाटो महासचिव मार्क रूट और यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन—को भी जोड़ा गया।
यूरोप की चिंता और यूक्रेन की शिकायत
यूरोपीय देशों में इस बैठक को लेकर असहजता देखी जा रही है। उन्हें पहले से कोई खास जानकारी नहीं दी गई थी। यही वजह है कि यूरोप को डर है कि कहीं अमेरिका अकेले रूस से ऐसा समझौता न कर ले, जो यूक्रेन और यूरोपीय हितों को प्रभावित करे। इस बीच यूक्रेन ने दावा किया कि रूस ने बैठक के तुरंत बाद रातभर में 85 ड्रोन और एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। इससे युद्ध के हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं।
ट्रंप-पुतिन की बैठक: सकारात्मक लेकिन अधूरी
अलास्का बैठक के बाद ट्रंप और पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों नेताओं ने वार्ता को “सकारात्मक” बताया, लेकिन किसी ठोस समझौते की घोषणा नहीं की। ट्रंप ने कहा, “अब भी कुछ मुद्दों पर काम बाकी है।” वहीं, पुतिन ने मुस्कुराते हुए इशारा किया कि अगली मुलाकात “मास्को में” हो सकती है। पुतिन ने यहां तक कहा कि अगर 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो शायद यूक्रेन पर हमला नहीं होता। यह बयान वैश्विक हलकों में नई बहस छेड़ रहा है।
ट्रंप का बदलता रुख
बैठक से पहले ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर वह युद्धविराम पर सहमत नहीं हुआ तो “गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे। लेकिन बैठक के बाद उनका लहजा नरम हो गया और उन्होंने कहा, “आज जो हुआ है, उसके बाद शायद उन परिणामों की जरूरत ही नहीं रही।”
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें सोमवार को वाशिंगटन में होने वाली ट्रंप-ज़ेलेंस्की मुलाकात पर टिकी हैं। इस मीटिंग से तय होगा कि क्या अमेरिका वास्तव में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए ठोस पहल करेगा, या यह बैठक सिर्फ कूटनीतिक संवाद तक सीमित रह जाएगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।