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ट्रंप का बड़ा फैसला: 12 देशों को भेजे जाएंगे ‘Take it or Leave it’ टैरिफ लेटर, 9 जुलाई को खत्म हो रही राहत अवधि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि 12 देशों को एक्सपोर्ट टैरिफ से जुड़े प्रस्तावित लेवल्स वाले लेटर्स पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं, जिन्हें सोमवार को संबंधित देशों को भेजा जाएगा। ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि ये प्रस्ताव नॉन-नेगोशिएबल होंगे, यानी इन्हें स्वीकार करना होगा या पूरी तरह से खारिज। उन्होंने इन लेटर्स को ‘Take it or Leave it’ टाइप ऑफर करार दिया है।

हालांकि ट्रंप ने इन देशों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि नामों की घोषणा सोमवार को की जाएगी। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा, “मैंने कुछ लेटर्स पर साइन कर दिए हैं, ये संभवतः 12 देशों के लिए हैं। हर एक के लिए अलग-अलग टैरिफ और रकम है। ये सोमवार को जारी किए जाएंगे।”

राष्ट्रीय अवकाश की वजह से टला शेड्यूल

सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने संकेत दिया था कि इन लेटर्स का पहला बैच शुक्रवार को जारी किया जाएगा। लेकिन अमेरिका में राष्ट्रीय अवकाश के कारण इस योजना को टालकर सोमवार कर दिया गया।

9 जुलाई को खत्म हो रही टैरिफ राहत की डेडलाइन

ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में अमेरिका में आयात होने वाली अधिकांश वस्तुओं पर 10% का बेस टैरिफ लगाया था। इसके अतिरिक्त कुछ देशों पर 50% तक का टैरिफ लगाया गया था। हालांकि, इन बढ़े हुए शुल्कों पर 90 दिन की अस्थायी राहत दी गई थी ताकि बातचीत के लिए समय मिल सके। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।

ट्रंप ने चेतावनी दी कि इस डेडलाइन के बाद टैरिफ और अधिक बढ़ सकते हैं — कुछ मामलों में यह 70% तक भी जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, नए टैरिफ 1 अगस्त से लागू हो सकते हैं।

बदली ट्रंप की रणनीति, बातचीत से अधिक सीधा प्रस्ताव पसंद

अमेरिका पहले विभिन्न देशों के साथ कस्टमाइज्ड टैरिफ डील्स करना चाहता था, लेकिन यूरोपीय यूनियन और जापान जैसे अहम व्यापारिक साझेदारों के साथ बातचीत ठप होने से ट्रंप प्रशासन अब सीधे एकतरफा ऑफर भेजने के रास्ते पर चल पड़ा है।

ट्रंप ने कहा, “लेटर्स अच्छे होते हैं… एक लेटर भेजना काफी आसान है।” यह बयान साफ इशारा करता है कि ट्रंप अब लंबी बातचीत के बजाय सीधे निर्णय थोपने की नीति पर काम कर रहे हैं। हालात यह हैं कि अमेरिका अब तक केवल दो देशों — ब्रिटेन और वियतनाम — के साथ ही ट्रेड डील साइन कर पाया है। भारत के साथ वार्ता अभी भी जारी है, लेकिन किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है। वहीं, यूरोपीय यूनियन के साथ बातचीत विफल रही है।

ट्रंप को उम्मीद थी कि 9 जुलाई की समयसीमा तक कई देशों के साथ समझौते हो जाएंगे, लेकिन अब तक उसके कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं.

क्या होगा आगे?

अब जब 9 जुलाई की डेडलाइन नजदीक है और टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की संभावना है, तो सभी की नजरें उन 12 देशों पर हैं, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने लेटर भेजने का फैसला किया है। क्या ये देश अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे या व्यापारिक टकराव और बढ़ेगा — यह आने वाला हफ्ता तय करेगा।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।

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