वॉशिंगटन — अमेरिका-चीन के बीच महीनों से जारी टैरिफ युद्ध को एक बार फिर विराम मिल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार देर रात आदेश पर हस्ताक्षर कर चीनी सामानों पर लगने वाले अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया। यह फैसला टैरिफ डेडलाइन खत्म होने से कुछ ही घंटे पहले लिया गया।
“शी जिनपिंग मेरे अच्छे दोस्त”
वॉल स्ट्रीट जर्नल और CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने न सिर्फ टैरिफ रोक को आगे बढ़ाया बल्कि सार्वजनिक रूप से यह भी कहा कि उनके और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रिश्ते “बेहतरीन” हैं और चीन “अच्छे तरीके से पेश आ रहा है”। इस राहत के तहत चीन से अमेरिका जाने वाले सामानों पर अब भी केवल 30% टैरिफ लगेगा। इसके मुकाबले चीन, अमेरिकी सामानों पर 10% शुल्क वसूल रहा है।
नवंबर तक राहत
हालांकि आदेश का पूरा टेक्स्ट अभी जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छूट नवंबर की शुरुआत में समाप्त होगी। इससे पहले ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें टैरिफ विवाद को टालने पर सहमति बनी।
पृष्ठभूमि: टैरिफ वार से ट्रूस तक
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जनवरी 2025 — ट्रंप ने चीन पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की
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चीन का जवाब — अमेरिका पर कड़े शुल्क
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मई 2025 — अस्थायी समझौते के तहत टैरिफ में नरमी
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अगस्त 2025 — डेडलाइन खत्म होने से पहले फिर बढ़ी राहत अवधि
भारत पर सख्ती बरकरार
जहां चीन को राहत मिली है, वहीं ट्रंप प्रशासन ने भारत के लिए टैरिफ बढ़ाकर 50% कर दिया है। इसमें 25% अतिरिक्त शुल्क रूस से तेल खरीदने के कारण जोड़ा गया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-चीन के बीच एक बड़े ट्रेड डील की भूमिका तैयार कर सकता है, लेकिन भारत जैसे साझेदारों के लिए यह संकेत है कि वॉशिंगटन का रुख सभी देशों के लिए समान नहीं है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।