। भारतीय क्रिकेट के पोस्टर बॉय और आधुनिक युग के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक, विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर क्रिकेट जगत को चौंका दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस फैसले को सार्वजनिक किया, जिससे करोड़ों प्रशंसकों का दिल टूट गया। 14 वर्षों का सुनहरा टेस्ट सफर अब थम गया है, लेकिन उनके अधूरे सपनों और अपूर्ण रिकॉर्ड्स की गूंज लंबे समय तक सुनाई देती रहेगी।
14 साल की टेस्ट यात्रा का अंत
इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट साझा करते हुए कोहली ने लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनकर उतरे हुए 14 साल हो चुके हैं। यह सफर कल्पना से परे रहा। इस प्रारूप ने मेरा परीक्षण किया, मुझे बेहतर इंसान और खिलाड़ी बनाया।” उन्होंने आगे कहा कि सफेद जर्सी में खेलना एक बेहद व्यक्तिगत अनुभव रहा – कठिन परिश्रम, अनगिनत घंटे और वो छोटे-छोटे पल जो दुनिया नहीं देखती, लेकिन खिलाड़ी के मन में हमेशा जिंदा रहते हैं।
अधूरे रह गए विराट के सपने
टेस्ट क्रिकेट से अचानक विदाई लेने का निर्णय विराट कोहली के अपने ही लक्ष्यों के विरुद्ध प्रतीत होता है। लंबे समय से कोहली का सपना था 10,000 टेस्ट रन पूरे करना, लेकिन वह इस ऐतिहासिक आंकड़े से 770 रन दूर रह गए। इस सपने को अधूरा छोड़ते हुए उन्होंने टेस्ट को अलविदा कहा।
विराट कोहली का टेस्ट करियर – एक नजर में
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कुल टेस्ट मैच: 123
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पारियां: 210
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कुल रन: 9230
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औसत: 46.85
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शतक: 30
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अर्धशतक: 31
इन आँकड़ों से साफ है कि विराट का टेस्ट करियर महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल होता है। बल्लेबाजी के साथ-साथ कप्तान के रूप में भी उन्होंने भारत को ऐतिहासिक जीतें दिलाई हैं।
कोहली की विरासत
कोहली का टेस्ट से संन्यास भले ही अचानक हुआ हो, लेकिन उनकी विरासत अमर है। वे एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट को नया जीवन दिया – आक्रामकता, फिटनेस और जुनून के साथ। जब भी टेस्ट क्रिकेट का इतिहास लिखा जाएगा, विराट कोहली का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा।
अब आगे क्या?
अब यह देखना रोचक होगा कि विराट कोहली वनडे और टी20 क्रिकेट में कब तक बने रहते हैं। उनके फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि सीमित ओवरों के प्रारूप में वे अभी भी कई उपलब्धियों को हासिल करेंगे।
