देश की सबसे बड़ी और पुरानी स्टील कंपनियों में से एक टाटा स्टील जल्द ही एक विशाल कंपनी बन जाएगी। वजह है टाटा स्टील का अपनी 7 सहायक कंपनियों का मर्जर। टाटा स्टील का विलय अगले वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है।
पीटीआई ने बताया कि कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन का कहना है कि टाटा स्टील के विलय की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2023-24 में पूरी हो जाएगी। इससे कंपनी के भीतर संगठन में सुधार होगा और लागत कम करने में मदद मिलेगी।
टाटा स्टील के बोर्ड ने सितंबर 2022 में ही 6 सहायक कंपनियों के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। उसके बाद अंगुल एनर्जी का नाम भी इसमें जुड़ गया। हालांकि, यह विलय प्रक्रिया नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद ही पूरी होगी। इसके लिए एनसीएलटी की मंजूरी लेनी होगी।
अंगुल एनर्जी के अलावा, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग और एसएंडटी माइनिंग कंपनी का टाटा स्टील में विलय होगा। टीवी नरेंद्रन से जब पूछा गया कि क्या हाल ही में अधिग्रहीत सरकारी कंपनी नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) का टाटा स्टील में विलय किया जाएगा। इस बारे में नरेंद्रन ने कहा कि सरकार के साथ हुए खरीद समझौते के मुताबिक टाटा स्टील इस परियोजना को अगले तीन साल तक अलग कंपनी के तौर पर संचालित करेगी.
इसके बाद ही टाटा स्टील इस कंपनी को अपने साथ मर्ज करने की योजना पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील केवल इन सात कंपनियों के विलय पर ध्यान देगी। बाद में टाटा स्टील ने ही पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का अधिग्रहण किया था। कंपनी ने 93.71% पूंजी खरीदी। यह डील 12,100 करोड़ रुपये की है।