वाशिंगटन/नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 62 घंटे तक चहलकदमी (Spacewalk) करते हुए कई अहम तकनीकी कार्यों को अंजाम दिया। इसके अलावा, उन्होंने अंतरिक्ष में सलाद के पत्ते उगाने का सफल प्रयोग किया, जिससे भविष्य में अंतरिक्ष में भोजन की आपूर्ति की संभावनाएं मजबूत हुई हैं।
अंतरिक्ष में 62 घंटे की ऐतिहासिक चहलकदमी
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष स्टेशन के बाहरी हिस्से की मरम्मत और अपग्रेड के लिए लगातार 62 घंटे तक स्पेसवॉक किया। यह अब तक के सबसे लंबे अंतरिक्ष अभियानों में से एक था। इस दौरान उन्होंने स्टेशन के सौर पैनलों और संचार प्रणालियों की जांच की।
शून्य गुरुत्वाकर्षण में खेती का सफल प्रयोग
अपने इस मिशन के दौरान सुनीता ने जीरो ग्रैविटी में लेट्यूस (lettuce) यानी सलाद पत्ते उगाने का प्रयोग किया। यह प्रयोग भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें उन्होंने विशेष “स्मार्ट पॉट्स” (Smart Pots) का उपयोग किया, जिसमें पौधों को आवश्यक पोषक तत्व और प्रकाश दिया गया।
स्पेस में व्यायाम और फिटनेस
शून्य गुरुत्वाकर्षण में शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। सुनीता ने अपने मिशन के दौरान विशेष व्यायाम उपकरणों का उपयोग करके खुद को फिट रखा।
अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाएं
सुनीता के इस प्रयोग से यह साबित हुआ कि भविष्य में अंतरिक्ष में भोजन उगाने की संभावनाएं हैं। यह तकनीक मंगल और चंद्रमा पर स्थायी मानव बस्तियां बसाने में भी मददगार साबित हो सकती है।
अंतरिक्ष से जल्द लौटेंगी धरती पर
सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विलमोर जल्द ही अपने अंतरिक्ष मिशन को समाप्त कर पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। उनके लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का अंतरिक्ष यान भेजा गया है, जो उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर लाएगा।
नासा और भारत के वैज्ञानिकों की सराहना
सुनीता विलियम्स की इस उपलब्धि को नासा और भारतीय वैज्ञानिकों ने ऐतिहासिक करार दिया है। भारत में इस मिशन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
