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राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: डिप्लोमा के बाद किया गया स्काउट एवं गाइड कैम्प भी होगा मान्य, साढ़े चार हजार विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा (D.El.Ed) करने वाले हजारों विद्यार्थियों को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जो विद्यार्थी डिप्लोमा की अंतिम परीक्षा के बाद सात दिवसीय स्काउट एवं गाइड कैम्प में शामिल हुए, उनके डिप्लोमा की अंकतालिकाओं में इस कैम्प का उल्लेख किया जाए। इस फैसले से करीब 4,500 से अधिक विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।

कोर्ट का आदेश: चार हफ्तों में हो संशोधन

न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंड की एकल पीठ ने यह आदेश रुमाली मीणा व अन्य विद्यार्थियों की याचिका पर सुनाया। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के बीकानेर स्थित परीक्षा पंजीयक को निर्देश दिया कि चार सप्ताह के भीतर सभी संबंधित विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं में स्काउट एवं गाइड कैम्प का उल्लेख किया जाए ताकि वे सरकारी भर्तियों के लिए पात्र माने जा सकें।

क्या था मामला?

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता हेमन्त गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि विद्यार्थियों ने दो वर्षीय D.El.Ed डिप्लोमा तो पूरा कर लिया, लेकिन विभिन्न कारणों से अंतिम परीक्षा से पहले वे सात दिवसीय स्काउट एवं गाइड कैम्प में शामिल नहीं हो सके। बाद में उन्होंने कैम्प पूरा कर लिया, मगर शिक्षा विभाग ने इसे अंकतालिका में शामिल करने से इनकार कर दिया। इससे विद्यार्थियों के डिप्लोमा को सरकारी नौकरी के लिए अमान्य माना जा रहा था। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि यदि कैम्प का उल्लेख अंकतालिका में नहीं हुआ, तो उनका डिप्लोमा व्यर्थ हो जाएगा

सरकारी पक्ष का क्या था कहना?

सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छाबा ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में लगभग 4,500 विद्यार्थियों के ऐसे आवेदन लंबित हैं, जो डिप्लोमा के बाद कैम्प पूरा कर चुके हैं और संशोधन की मांग कर रहे हैं।

फैसले का प्रभाव

इस फैसले से राज्यभर के उन हजारों विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी जो डिप्लोमा के बाद स्काउट एवं गाइड कैम्प पूरा कर चुके हैं और केवल अंकतालिका में इस विवरण के अभाव में सरकारी नौकरी से वंचित हो रहे थे। अब, कोर्ट के आदेश के बाद, उनकी पात्रता फिर से मान्य हो जाएगी। यह फैसला शिक्षा और युवा कल्याण के क्षेत्र में एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को उनका उचित हक मिल सकेगा।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।

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