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rajasthan news: सीआईएसएफ की पहली महिला बनीं माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली गीता सामोता

राजस्थान की धरती एक बार फिर गर्व से सिर ऊंचा कर रही है। सीकर जिले के चक गांव की बेटी गीता सामोता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर इतिहास रच दिया है। खास बात यह है कि गीता केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्होंने एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया है। फिलहाल गीता सामोता उदयपुर एयरपोर्ट पर उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। एवरेस्ट की चढ़ाई उन्होंने छह माह 27 दिन के कठिन प्रशिक्षण और प्रयास के बाद पूरी की। उनके इस साहसिक और प्रेरणादायक कार्य से पूरे राज्य और देश में खुशी की लहर है।


साधारण परिवार से शुरू हुआ असाधारण सफर

गीता का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके सपने और हौसले हमेशा ऊंचे रहे। कॉलेज के दिनों में वे हॉकी की प्रतिभाशाली खिलाड़ी थीं, लेकिन एक चोट के कारण उनका खेल करियर बीच में ही रुक गया। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। साल 2011 में CISF से जुड़ने के बाद उन्होंने नई दिशा में कदम बढ़ाया।


पर्वतारोहण का जुनून, संघर्ष और सफलता

गीता का पर्वतारोहण का सफर वर्ष 2015 से शुरू हुआ, जब उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह के बुनियादी पाठ्यक्रम के लिए चुना गया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गीता ने अब तक विश्व की कई दुर्गम चोटियों पर चढ़ाई की है, जिनमें शामिल हैं:

  • माउंट कोसियस्जको (ऑस्ट्रेलिया)

  • माउंट एल्ब्रस (रूस)

  • माउंट किलिमंजारो (तंजानिया)

  • माउंट एकॉनकागुआ (अर्जेंटीना)

  • माउंट लोबुचे (नेपाल)

उनकी पहली बड़ी चढ़ाई 2019 में उत्तराखंड की माउंट संतोपंथ पर थी, जिसने उन्हें आत्मविश्वास दिया कि एवरेस्ट को भी फतह किया जा सकता है।


प्रेरणा बनीं गीता, महिलाओं के लिए एक नया रास्ता

गीता सामोता ने साबित किया है कि अगर जुनून और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। वह अब देशभर की युवतियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनके इस अभूतपूर्व कारनामे ने सुरक्षा बलों में महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त किया है।


सम्मान और बधाईयों का दौर शुरू

राजस्थान सरकार और CISF समेत देशभर से गीता को बधाई मिल रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर गीता की इस उपलब्धि को “राजस्थान की शान” बताया और कहा कि “राज्य की बेटियों में असीम संभावनाएं हैं। गीता इसका जीवंत उदाहरण हैं।”


गीता सामोता की इस जीत ने यह सिद्ध कर दिया है कि ‘बेटियां किसी से कम नहीं’। आने वाले समय में उनका यह कारनामा कई और महिलाओं को अपने सपनों की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।

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