राजस्थान के करौली जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एसीबी करौली इकाई ने शुक्रवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशासी अभियंता भवानी सिंह मीणा को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर की गई।
जानकारी के अनुसार, परिवादी ने शिकायत दी थी कि उसकी फर्म — मैसर्स संतोष कंस्ट्रक्शन कंपनी, नसिया कॉलोनी, गंगापुर सिटी — को वित्तीय वर्ष 2024-25 में पीडब्ल्यूडी हिण्डौन सिटी के तहत रोड मेंटेनेंस और पेच रिपेयरिंग के 43.19 लाख रुपये के टेंडर मिले थे। अभियंता भवानी सिंह मीणा ने 10 लाख रुपये के कार्य का बिल बनाकर 8.35 लाख का भुगतान कर दिया था, लेकिन शेष राशि का भुगतान भी खुद करवाने का वादा कर उसने कमीशन के तौर पर 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
गद्दे की चादर के नीचे छिपाई थी रिश्वत की रकम
23 मई को अभियंता मीणा ने परिवादी और उसके बेटे को अपने निजी आवास, गंगापुर सिटी बुलाकर 3 लाख रुपये की रिश्वत ली। रकम घर के अंदर बेडरूम में डबल बैड पर बिछी चादर के ऊपर रखी मिली। इस दौरान एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
एसीबी महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि इस ट्रैप की निगरानी भरतपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक राजेश सिंह के निर्देशन में की गई। एसीबी इंस्पेक्टर जगदीश भारद्वाज ने टीम के साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
आरोपी से पूछताछ और आगे की कार्रवाई जारी
अभियंता भवानी सिंह मीणा से पूछताछ की जा रही है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम जांच शुरू कर दी गई है। एसीबी की इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है और यह संदेश गया है कि रिश्वतखोरी पर अब सख्त नजर रखी जा रही है।

Author: manoj Gurjar
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