[the_ad id="102"]

RCB जश्न बना मातम: बेंगलुरु भगदड़ पर पुलिस का खुलासा, बच सकती थीं 11 जानें

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में पहली बार चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मातम में तब्दील हो गया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को हुई भगदड़ में 11 फैंस की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस हादसे को लेकर पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि उन्होंने आरसीबी प्रबंधन को बुधवार के बजाय रविवार को विक्ट्री परेड आयोजित करने की सलाह दी थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाला जा सके। लेकिन फ्रैंचाइज़ी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि विदेशी खिलाड़ी तब तक शहर छोड़ देंगे।

फैंस की दीवानगी, प्रशासन की चेतावनी बेअसर

मंगलवार रात जब आरसीबी ने फाइनल में पंजाब किंग्स को हराकर खिताब अपने नाम किया, तभी से बेंगलुरु की सड़कों पर जश्न का सैलाब उमड़ पड़ा। स्टेडियम और शहर के मुख्य हिस्सों में हजारों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस और ट्रैफिक विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर लगातार चेतावनी और अलर्ट जारी किए गए। लेकिन जुनून में डूबे फैंस पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

“हमने समझाया, लेकिन…”: पुलिस अधिकारी का बयान

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने डेक्कन हेराल्ड से बातचीत में बताया, “हमने मंगलवार रात से ही राज्य सरकार और आरसीबी फ्रेंचाइज़ी से अनुरोध किया कि वे बुधवार को कोई सार्वजनिक आयोजन न करें। हमने सुझाव दिया था कि जश्न रविवार को मनाया जाए, जब तक माहौल शांत हो जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “हमने ये भी कहा कि अगर जुलूस निकालना ही है तो उसे सीमित रखें, केवल स्टेडियम में खिलाड़ियों की उपस्थिति के साथ। लेकिन फ्रैंचाइज़ी ने विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता का हवाला देकर सलाह ठुकरा दी।”

थकी हुई पुलिस, संभाल नहीं पाई भीड़

पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि मंगलवार रात 5.30 बजे तक सभी सुरक्षा बल सड़क पर तैनात थे और बेहद थक चुके थे। “हमने पहले ऐसा पागलपन नहीं देखा,” अधिकारी ने कहा।

फैंस के लिए सपना बना मौत का सबब

बुधवार सुबह से ही हजारों फैंस चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जुटने लगे थे। जब एक साथ भारी भीड़ गेट की ओर बढ़ी तो भगदड़ मच गई। इसमें महिलाओं और बच्चों समेत 11 लोगों की जान चली गई। कई घायल अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।

आरसीबी का तर्क: विदेशी खिलाड़ी चले जाएंगे

आरसीबी की ओर से तर्क दिया गया कि खिलाड़ी—खासतौर पर विदेशी—बुधवार या गुरुवार तक बेंगलुरु छोड़ देंगे। ऐसे में जश्न में उनकी गैरहाज़िरी से फैंस और फ्रैंचाइज़ी को निराशा होती।

क्या यह टल सकता था?

अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह हादसा टाला जा सकता था? अगर आरसीबी पुलिस की सलाह मानकर रविवार को जश्न मनाती, तो शायद 11 घरों के चिराग आज बुझते नहीं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत