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Vijay Mallya Case में नया मोड़: AAP का आरोप – “मोदी सरकार ने भगाया माल्या को देश से बाहर”

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लेकर एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि माल्या को देश छोड़ने में मोदी सरकार ने मदद की थी। पार्टी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा – “विजय माल्या को देश से बाहर भगाने में था मोदी सरकार का हाथ।”

क्या है वीडियो में?

AAP द्वारा साझा किए गए वीडियो में विजय माल्या का एक पुराना बयान दिखाया गया है, जिसमें वे यह कहते नजर आते हैं कि देश छोड़ने से पहले उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली को जानकारी दी थी कि वह लंदन जा रहे हैं। इसी बयान को आधार बनाकर AAP ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

AAP का बड़ा हमला

वीडियो के साथ AAP ने लिखा, “जनता के टैक्स के ₹9000 करोड़ से ज़्यादा लेकर भागे विजय माल्या ने खुद कहा है कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले तत्कालीन वित्त मंत्री को बताया था। यह ‘लूट की प्लानिंग’ नहीं तो और क्या है?” AAP नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह भी आरोप लगाया कि सरकार और वित्त मंत्रालय के कुछ प्रभावशाली लोगों ने विजय माल्या के भागने में “सहूलियतें” दी थीं।

विजय माल्या पर क्या हैं आरोप?

विजय माल्या पर आरोप है कि उन्होंने 17 बैंकों से करीब ₹9,000 करोड़ का कर्ज लिया और उसे वापस न करके मार्च 2016 में देश छोड़कर लंदन भाग गए।
5 जनवरी 2019 को मुंबई की एक विशेष अदालत ने उन्हें ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था। भारत सरकार ने कई बार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश की है, लेकिन ब्रिटेन की अदालतों में चल रही कानूनी कार्यवाहियों के चलते वह अब तक सफल नहीं हो सकी।

माल्या की सफाई

माल्या पहले भी दावा कर चुके हैं कि वे बैंकों को 80% कर्ज चुकाने के लिए तैयार थे, लेकिन भारत सरकार और बैंकों ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि देश छोड़ने से पहले उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी थी।
2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विजय माल्या की संपत्तियों को बेचकर ₹14,131.60 करोड़ की वसूली की थी, जो उनके मूल कर्ज से अधिक है। माल्या ने इस वसूली पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अब वह कानूनी राहत के पात्र हैं।

राजनीतिक माहौल गरमाया

AAP के इस ताजा हमले से केंद्र सरकार पर विपक्ष का दबाव और बढ़ गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस वीडियो पर संज्ञान लेने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा – “अगर विजय माल्या सच बोल रहे हैं तो यह साफ है कि सरकार को उनकी योजनाओं की जानकारी थी। सवाल है कि फिर उन्हें रोका क्यों नहीं गया?”

सरकार की चुप्पी

सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय जल्द ही स्पष्टीकरण दे सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के करीबी रहे अधिकारियों ने पहले यह कहा था कि जेटली से माल्या की “संसद के गलियारे में आकस्मिक भेंट” हुई थी, जिसे एक “अनौपचारिक बातचीत” बताया गया था।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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