जून से लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने इस महत्वपूर्ण मैच से पहले अपने खेल और करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। ख्वाजा का मानना है कि वह अभी भी अपने खेल के शीर्ष पर हैं और जब भी सही समय आएगा, तब ही संन्यास लेंगे। ख्वाजा ने पूरे WTC चक्र के दौरान ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले इस खिताबी मुकाबले से पहले कुल 1,422 रन बनाए हैं, जो मौजूदा चक्र में टीम के लिए सबसे अधिक हैं।
उस्मान ख्वाजा ने ICC डिजिटल को बताया, “मेरे लिए बढ़ती उम्र का कोई मतलब नहीं है। मैं अभी भी अपने खेल का आनंद ले रहा हूं, कड़ी ट्रेनिंग कर रहा हूं और रन बना रहा हूं। टीम के लिए योगदान देना मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए मेरे अंदर अभी भी भूख है।” उन्होंने आगे कहा, “जब संन्यास लेने का वक्त आएगा तो मैं शालीनता से विदाई लूंगा, चाहे वह वक्त कुछ भी हो। फिलहाल मैं अपने क्रिकेट को पूरी तरह से एन्जॉय कर रहा हूं।”
सलामी जोड़ीदार की चुनौतियां और टीम रणनीति
ख्वाजा ने अपने ओपनिंग पार्टनर की चुनौतियों पर भी बात की। उनका कहना है कि ओपनिंग करना बेहद मुश्किल काम है। “मुझे चिंता रहती है कि गेंद मेरे लिए कैसी होगी और मुझे क्या करना होगा। वही सोच मेरा ओपनिंग पार्टनर भी करता होगा। हम साथ मिलकर विपक्षी गेंदबाजों के खिलाफ रणनीति बनाते हैं, जिससे हमारा खेल मजबूत हो।”
लाबुशेन या कोंस्टास — कौन होगा दूसरा ओपनर?
डेविड वॉर्नर के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने कई खिलाड़ियों को ओपनिंग के लिए आजमाया है। ख्वाजा के साथ स्टीव स्मिथ, नाथन मैकस्वीनी, ट्रेविस हेड और सैम कोंस्टास को मौका मिला। अब टीम मैनेजमेंट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस एकमात्र टेस्ट में नंबर-3 बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन को ऊपर भेजने पर भी विचार कर रही है। लाबुशेन और कोंस्टास दोनों ही लॉर्ड्स में मौजूद हैं और दोनों के बीच ओपनर की भूमिका के लिए कड़ी टक्कर है। यह फैसला फाइनल मैच के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया इस फाइनल में जीत दर्ज कर ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम करने के लिए पूरी ताकत से उतरने को तैयार है। वहीं उस्मान ख्वाजा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के अनुभव और आत्मविश्वास से टीम का मनोबल भी बुलंद है।
