Valentines Day 2023: वेलेंटाइन-डे प्यार करने वालों का दिन, ये वो दिन है जब हवाओं में प्यार होता है। वेलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन से हुई। पांचवीं शताब्दी के अंत में, पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे घोषित किया और तब से यह मनाया जा रहा है। लुपर्केलिया नामक रोमन त्योहार फरवरी के मध्य में मनाया जाता था, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन सामूहिक विवाह होते हैं।
क्यों कहते हैं वैलेंटाइन डे
270 ईसवी में संत वैलेंटाइन हुआ करते थे, संत वैलेंटाइन ने प्रेम को बहुत बढ़ावा दिया. उस समय रोम के राजा क्लाउडियसको प्यार और प्रेम संबंधों के सख्त नफरत थी और वो इसका विरोध करते थे. संत वैलेंटाइन की प्यार और इसके संबंध की सभी बातें वहां के राजा को खटकती थी.
ऐसा माना जाता है कि रोमन सम्राट प्रेम विवाह में विश्वास नहीं करते थे। रोम के राजा का मानना था कि प्रेम या रोमांस के कारण रोम या किसी व्यक्ति के प्रति कोई इच्छा सैनिकों को विचलित कर देती है और रोम के लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते थे.
ऐसे में वहां के रोम में राजा क्लॉडियस द्वारा सैनिकों के विवाह और तलाक पर रोक लगा दी गई थी। संत वैलेंटाइन को इसकी जरा भी भनक नहीं लगी और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई और इसका विरोध किया। इतना ही नहीं सेंट वेलेंटाइन ने रोम के राजा के फैसले के खिलाफ जाकर शादी कर ली। ये सभी विवाह 14 फरवरी को संयुक्त विवाह के रूप में संपन्न हुए। इस वजह से संत वेलेंटाइन को 14 फरवरी को फांसी दे दी गई। तब से संत वेलेंटाइन की याद में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। यानि प्यार करने वालों का दिन
संत वैलेंटाइन ने अपनों के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और आज हम उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाते हैं। पूरी दुनिया उनके बलिदान को याद करती है और इस दिन को मनाती है।
ऐसा माना जाता है जब संत वैलेंटाइन को जेल में बंद थे, तब उन्होंने वहां से जेलर की बेटी को एक लैटर लिखा, जो देख नहीं सकती थी और उन्हें बहुत मानती थी. इस लैटर के आखिर में संत ने ‘फ्रॉम योर वैलेंटाइन’ भी लिखा था. ब्रिटिश वेबसाइट की मानें तो जेलर की बेटी की आंखों में संत वैलेंटाइन की प्रार्थना से चमत्कार के रूप में रोशनी आ गई.