कोटा 22 सितम्बर। केन्द्रीय परिवर्तित योजना अन्तर्गत नेशनल बी बोर्ड एनबीबी के मिनि मिशन-1 के अधीन नेशनल बी किपिंग एवं हनी मिशन के तहत शुक्रवार को वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन विषय पर उद्यान विभाग की तरफ से दो दिवस की सेमीनार का आयोजन राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान परिसर में किया गया। जिसमें जिले के 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार खेमराज शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि विपणन हरिशरण मिश्रा, सह निदेशक श्याम शंकरलाल जांगिड़, उप निदेशक उद्यान आनन्दीलाल मीणा, परियोजना निदेशक सीएडी विस्तार आरसी जैन एवं मुख्य वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ महेन्द्र सिंह ने भाग लिया। डॉ के.पी शर्मा ने मधुमक्खियों में लगने वाले किट रोग शत्रु एवं उनके प्रबन्धन पर विस्तार से व्याख्यान दिया। डॉ एसएन गुप्ता ने शहद के औषधीय उपयोग व गुणों के बारे में जानकारी दी। डॉ एचपी मेघवाल वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय ने शहद गुणवत्ता पेरामीटर, प्रसंस्करण, वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन व प्रबन्धन विषय पर विस्तार से किसानों को जानकारी दी। डॉ अनुपम मालव कीट वैज्ञानिक ने मधुमक्खियों का परागण में योगदान व कीटनाशियों के सुरक्षित उपयोग के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। संयुक्त निदेशक उद्यान खण्ड कोटा डॉ पीके सिंह ने संभाग में मधुमक्खी पालन से किसानों की आय वृद्धि पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं मधुमक्खी पालन स्मारिका का विमोचन किया।
उप निदेशक उद्यान आनन्दीलाल मीणा ने कोटा में मधुमक्खी पालन कर रहे किसानों की आर्थिक विवेचना एवं विशलेषण के बारे में चर्चा की एवं बताया कि मधुमक्खी पालन कर अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है। सेमीनार प्रभारी सहायक निदेशक उद्यान कमल किशोर पहाड़िया ने उद्यान विभाग से मधुमक्खी पालन पर अनुदान एवं केन्द्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं विषय पर कृषकों को जानकारियां दी। मधुमक्खी पालक कृषक नरेन्द्र मालव एवं किशन प्रजापति ने अपने अनुभव एवं संस्मरणों को किसानों के साथ साझा किया एवं मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए प्रेरित किया। सेमिनार में सभी प्रतिभागीयों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरित किये गये।