दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच की अनुमति दे दी है।
पूरा मामला क्या है?
दिल्ली की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के सतर्कता निदेशालय विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-A के अंतर्गत जांच की अनुमति मांगी थी। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी आगे की कार्रवाई के लिए हरी झंडी दे दी है।
मनीष सिसोदिया पर आरोप
मनीष सिसोदिया, जो आम आदमी पार्टी में दूसरे नंबर के नेता माने जाते हैं, को सीबीआई ने दिल्ली में कथित शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने शराब नीति 2021-22 को कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया और 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, जिसका इस्तेमाल गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रचार के लिए किया गया। फिलहाल, वह जमानत पर बाहर हैं।
सत्येंद्र जैन का मामला
सत्येंद्र जैन, जो दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री थे, को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने 2015-2016 में फर्जी कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। फिलहाल, वह भी जमानत पर बाहर हैं।
अरविंद केजरीवाल पर भी मुकदमा
इससे पहले, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। यह मामला 2019 में मटियाला के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पार्षद नीतिका शर्मा द्वारा दर्ज शिकायत से संबंधित है।
गृह मंत्रालय की इस कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।
