द लैंसेट’ की हालिया रिपोर्ट ने एक भयानक चेतावनी दी है कि आने वाले वर्षों में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि होने की संभावना है। यह चौंकाने वाली भविष्यवाणी डॉक्टरों को भी चिंतित कर रही है।
तनाव और मोटापा: घातक संयोजन
कोटा मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं फिजिशियन, डॉ. पंकज जैन के अनुसार, हमारी आधुनिक जीवनशैली इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण है।
प्रमुख कारण:
- व्यस्त जीवनशैली
- तनाव
- मोटापा
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- प्रदूषण और अस्वास्थ्यकर खान-पान
कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
डॉ. पंकज जैन ने बताया कि कैंसर से बचाव की मुख्य कड़ी आम जन में इसके प्रति जागरूकता एवं समय पर स्क्रीनिंग की महत्ता को स्थापित करना है।
चेतावनी संकेत:
- स्तन में गांठ या ठोस एरिया विकसित होना
- मस्से या तिल में बदलाव
- आंत्र की आदतों में अप्रत्याशित परिवर्तन
- लगातार कफ या आवाज में कर्कशता
- मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्त्राव
- शरीर में किसी भी अंग से रक्तस्राव
- बिना किसी कारण के वजन का घटना
- लंबे समय तक घाव या फोड़ा ठीक न होना
नियमित स्वास्थ्य जांच की महत्ता
- महिलाओं के लिए 40 वर्ष की आयु के बाद मैमोग्राफी
- 35 वर्ष की आयु के बाद पैप स्मीयर टेस्ट
- धूम्रपान करने वालों के लिए लो-डोज एचआरसीटी
भारत में कैंसर का प्रकोप
भारत में मुंह और स्तन कैंसर सबसे आम हैं। तंबाकू का सेवन, धूम्रपान और खराब मौखिक स्वच्छता मुंह के कैंसर के प्रमुख कारण हैं। महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ रहा है, साथ ही सर्वाइकल और फेफड़ों के कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं।
रोकथाम: सबसे अच्छा बचाव
- धूम्रपान और शराब से बचाव
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
- नियमित स्वास्थ्य जांच
- जागरूकता और प्रारंभिक निदान
निष्कर्ष
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत जागरूकता और जीवनशैली में सुधार महत्वपूर्ण है। अगर हम धूम्रपान, शराब और मोटापे पर नियंत्रण रखें, तो कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
