बून्दी, 26 सितम्बर। उद्यान विभाग की और से वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन विषय पर आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपनिदेशक उद्यान राधेश्याम मीणा ने मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन पर राज्य सरकार द्वारा की जाने वाले अनुदान एवं सरकार की योजनाओं के बारे में बताया गया। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार महेश शर्मा ने कृषि के साथ मधुमक्खी पालन अपनाने के बारे में उपस्थित कृषकों को बताया। उप निदेशक उद्यान (अनु.) सब्जी उत्कृष्टता केंद्र द्वारा कृषकों को मधुमक्खी पालन के लक्ष्य के बारे में बताया गया।
सहायक आचार्य एवं प्रभारी अखिल भारतीय मधुमक्खी पालन परियोजना डॉ. हरिप्रसाद मेघवाल द्वारा सूखा काल के दौरान मधुमक्खी कॉलोनियों का प्रबंधन एवं माइग्रेशन कॉलोनी विभाजन एवं कृत्रिम भोजन के रूप में मधुमक्खी को चीनी का घोल देने के विषय में विस्तार से बताया।
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. हरीश वर्मा द्वारा मधुमक्खी पालन के लाभ एवं बून्दी जिले में मधुमक्खी पालन की संभावना के बारे में बताया गया। सहायक आचार्य उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालावाड़ डॉ. सुरेश कुमार जाट द्वारा मधुमक्खी की विभिन्न प्रजाति एवं उनकी महत्ता व एपिस मेलीफेरा के मौसमी प्रबंधन के बारे में बताया गया।
अंत में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए गए तथा सहायक निदेशक उद्यान डॉ. बाबूलाल मीना द्वारा प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सहभागी तथा व्याख्यान देने वाले प्रशिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रशिक्षण का समापन किया गया।